उत्तर प्रदेश के कानपुर में उमस और गर्मी का सितम जारी है। बादलों की आंख मिचौली चल रही है, लेकिन बारिश नहीं हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, टर्फ लाइन यानि बादलों का झुंड शहर व आसपास के क्षेत्रों से काफी नीचे जाने की वजह से बारिश का सिलसिला टूट गया है। विभाग के अनुसार इस महीने कहीं बूंदाबांदी और कहीं हल्की बारिश ही संभव है। तेज बारिश की गुंजाइश नहीं दिख रही है। इससे इस सीजन की फसल को भी नुकसान पहुंच सकता है। सीएसए के मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन पांडेय के अनुसार दिन में बादल तो बने रहेंगे, लेकिन बारिश की संभावना कम रहेगी। उमस और धूप तेज रहेगी, जिससे लोगों को दिक्कत हो सकती है। अभी तक इस जुलाई में मात्र 253.1 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। उन्होंने बताया कि अगले तीन दिन बादलों की आवाजाही के साथ ही बारिश की संभावना बनी हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार मानसून वर्षा के आसार कमजोर हैं। बारिश के लिए जिम्मेदार मानसून रेखा मध्य भारत की ओर चली गई है। बादलों की आवाजाही और कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। उन्होंने बताया कि सोमवार को हल्के बादल छाए रहे। इससे उमस वाली गर्मी बनी रही, लेकिन नमी का अधिकतम स्तर 75 प्रतिशत ही रहा। कानपुर सहित आसपास के जिलों में बारिश का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में अगले सात दिनों में कभी बूंदाबांदी, तो किसी दिन दो से तीन मिमी से ज्यादा बरसात संभव नहीं है। इस महीने में कानपुर व आसपास के जिलों में बारिश की बात करें, तो कानपुर नगर और कानपुर देहात सबसे पीछे हैं।