उत्तर प्रदेश के कानपुर में जाजमऊ डिफेंस कालोनी निवासी नजीर फातिमा ने 7 नवंबर 2022 को अपने घर में आग लगाने के आरोप में जाजमऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें इरफान, रिजवान, शौकत अली, मो.शरीफ व इसराइल आटे वाला के खिलाफ चार्जशीट भी कोर्ट भेज दी गई है। मुकदमे की सुनवाई चल रही है। मामले में इरफान और रिजवान की जमानत अर्जी हाईकोर्ट से खारिज हो गई थी। शौकत की ओर से जमानत याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी।कि पीड़िता, उसके बेटे या बेटी के बयानों में शौकत का नाम नहीं आया है। रिपोर्ट में भी शौकत नामजद नहीं था। बाद में उसे झूठा फंसा दिया गया। अधिवक्ता रवींद्र वर्मा ने बताया कि याची के तर्कों से सहमत होकर हाईकोर्ट ने शौकत की जमानत मंजूर कर ली है। हालांकि गैंगस्टर के मामले में आरोपी होने के कारण शौकत अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेगा। वहीं, आरोपी महबूब आलम की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।वहीं इसी मामले में वादिनी के बेटे और घटना के चश्मदीद गवाह शमसुल हसन की जिरह भी मंगलवार को पूरी हो गई। एमपीएमएलए सेशन कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी की अदालत में 27 मई को मुकदमे की वादिनी या उसकी दूसरी बेटी बेबी नाज को गवाही के लिए कोर्ट में पेश किया जाएगा।आगजनी मामले में पहले गवाह के रूप में एफआईआर लेखक, दूसरे गवाह के रूप में वादिनी नजीर फातिमा की बेटी कनीज जेहरा और तीसरे गवाह के रूप में नजीर के बेटे शमसुल हसन को अभियोजन ने कोर्ट में गवाही के लिए पेश किया था। इरफान और रिजवान की ओर से अधिवक्ताओं ने 20 अप्रैल को जिरह पूरी कर ली थी। मंगलवार को आरोपी शौकत अली की ओर से अधिवक्ता रवींद्र वर्मा, मो.शरीफ की ओर से अधिवक्ता चंद्रप्रकाश शर्मा और इसराइल आटे वाला के अधिवक्ता जमीर अंसारी ने शमसुल हसन से जिरह की। लगभग साढ़े तीन घंटे जिरह चली। मामले में महाराजगंज जेल में बंद इरफान की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई जबकि कानपुर जेल में बंद बाकी चारों आरोपी कोर्ट में हाजिर रहे।इरफान की तलबी के लिए कोर्ट में दी अर्जीइरफान की ओर से अधिवक्ता करीम अहमद सिद्दीकी ने 27 मई को इरफान को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश करने के लिए अर्जी दाखिल की है। तर्क दिया कि इरफान का स्वास्थ्य अब ठीक है। नया गवाह 27 मई को कोर्ट में आना है इसलिए इरफान को व्यक्तिगत रूप से हाजिर रखा जाए। वहीं जेल में इरफान को खाने-पीने व अन्य सुविधाएं ठीक से न दिए जाने को लेकर भी करीम ने कोर्ट में एक अर्जी दी थी जिस पर कोर्ट ने जेल मैनुअल के अनुसार सुविधाएं देने के आदेश दिए हैं।