उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात। अकबरपुर के सलावतपुर गांव में निर्दयी माता-पिता के आपसी विवाद में दो मासूम बच्चों को यातनाएं झेलनी पड़ीं। अब दोनों बच्चे माता-पिता के बजाय राजकीय बाल गृह (शिशु) लखनऊ में रहेंगे। इसके लिए बाल कल्याण समिति ने आदेश जारी कर दिया है।सलावतपुर गांव निवासी शिवशंकर उर्फ लाली के परिवार में पत्नी मीसा, बेटा लवकुश (5) और बेटी मुस्कान (7) है। 14 मई को शिवशंकर ने बेटी व बेटे के हाथ की उंगलियों को दीवार में रगड़ कर उनका सिर लड़ा दिया था। यह सब देख मीसा कहीं चली गई थी।कुछ देर बाद शिवशंकर भी घर में ताला डालकर निकल गया था। इसके बाद से बच्चे भूखे पेट गांव में ही भटक रहे थे। बुधवार को सीएचसी अकबरपुर के स्वास्थ्य कार्यकर्ता और यूनिसेफ की प्रिया शर्मा दोनों बच्चों को लेकर सीएचसी पहुंचीं थीं।वहां उपचार के बाद दोनों ही बच्चों को डीएम नेहा जैन के पास ले जाया गया। इसके बाद बाल कल्याण समिति के सामने बच्चे पेश किए गए। देर रात पुलिस के माध्यम से शिवशंकर को बुलाया गया। वह नशे में धुत होकर पहुंचा तो समिति ने बच्चे उसे देने से इन्कार कर दिया।गुरुवार को दोनों बच्चों का अकबरपुर सीएचसी में मेडिकल परीक्षण हुआ। इसके बाद लखनऊ स्थित राजकीय बाल गृह (शिशु) भेजने का निर्णय समिति की ओर से लिया गया। डीएम ने बच्चों को साथ कराया भोजन एसडीएम अकबरपुर की ओर से नए कपड़े दिलवाने के बाद दोनों ही बच्चे खुश नजर आए। बुधवार रात दोनों बच्चों ने डीएम नेहा जैन के आवास में बिताई। डीएम ने दोनों बच्चों को अपने साथ भोजन भी कराया। गुरुवार रात पिता नशे की हालत में बच्चों को लेने आया था। इस वजह से उन्हें बच्चे नहीं दिए गए। अब दोनों ही बच्चों का पालन पोषण राजकीय बाल गृह (शिशु) लखनऊ में होगा। पुलिस मामले की जांच कर रही हे


































