उत्तर प्रदेश के कानपुर क्षेत्र के हरिहरपुर गांव निवासी किसान रामलखन (50) शनिवार को खेतों पर काम करने गए थे। दोपहर में बुखार आने पर वह घर लौट आए थे। इसके बाद गांव में ही एक झोलाछाप से दवा लेने गए थे। आरोप है कि वहां झोलाछाप ने रामलखन को वहा एक इंजेक्शन लगाया। उसके दस मिनट बाद रामलखन की मौत हो गई थी। परिजनों के हंगामे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत कराया था। इसके बाद सूचना दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। रविवार की दोपहर शव पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंचा, तो आक्रोशित परिजनों ने झोलाछाप पर कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। सिकंदरा-खटकर मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया। इससे मार्ग के दोनों तरफ करीब 300 मीटर दूर तक वाहनों की कतार लग गई। जाम की सूचना पर थाना प्रभारी संजेश कुमार के साथ पहुंचे सीओ शिव ठाकुर ने परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया। इसके बाद परिजन शव लेकर यमुना नदी के किनारे पहुंचे। वहां अंतिम संस्कार कर दिया। किसान की मौत से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा रविवार को फूट पड़ा। पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने सिकंदरा-खटकर मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया पुलिस जांच मे जुटी हे मामले की छानबीन चल रही हे