कानपुर समाचार उत्तर प्रदेश के कानपुर मे प्रमोशन के लिए कान्स्टेबलों की किताब से पन्ने गायब हे प्रमोशन के लिए तीन कांस्टेबलों की सर्विस बुक के पन्ने फाड़ने वाले पुलिस मुख्यालय में तैनात रहे लिपिक (दरोगा) को बर्खास्त कर दिया गया है। एडिशनल सीपी मुख्यालय विपिन कुमार मिश्रा ने जांच के बाद दोषी पाए गए लिपिक देवेंद्र मौर्य की बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए। जांच में पाया गया था कि गोपनीय विभाग में तैनात लिपिक दरोगा देवेंद्र मौर्य ने तीनों पुलिस कर्मियों की सर्विस बुक (चरित्र पंंजिका) के पेज नंबर 77 को गायब कर दिया था, जिसमें बैड एंट्री समेत सर्विस रिकॉर्ड का डाटा था दागी तीनों कांस्टेबलों का नाम प्रमोशन की सूची में शामिल हुआ तो जांच बैठी।
खेल पकड़े जाने पर डीसीपी ने चारों को निलंबित करते हुए कांस्टेबलों पर न्यूनतम वेतनमान की कार्रवाई की, जबकि लिपिक की बर्खास्तगी की संस्तुति कर दी थी। फाइल एडिशनल सीपी के पास पहुंची तो उन्होंने उस पर मुहर लगाते हुए बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए। बता दें कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल की प्रमोशन सूची जारी होनी थी। इस सूची में महिला कांस्टेबल प्रतिमा राजपूत, कांस्टेबल अश्वनी बाथम व डिस्पैच विभाग में मुंशी पद पर तैनात कांस्टेबल युगराज के नाम भी शामिल थे। तीनों कांस्टेबलों का सर्विस रिकाॅर्ड पदोन्नति के काबिल नहीं था। इसलिए तीनों ने पुलिस मुख्यालय में तैनात लिपिक दरोगा देवेंद्र मौर्य की मदद से सर्विस बुक से बैड एंट्री के पन्ने ही हटवा दिए। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड के मामला संज्ञान में आने के बाद जांच के आदेश दिए थे।
डीसीपी मुख्यालय के फर्जी हस्ताक्षर कर कई पुलिसकर्मियों को अवकाश देने का भी मामला सामने आया है। लिपिक देवेंद्र मौर्य ने छह नवंबर 2021 से 31 जनवरी 2024 के बीच कई कर्मियों को छुट्टी दे दी। डीसीपी मुख्यालय रहे शिवाजी शुक्ला ने मामला संज्ञान में आने के बाद विभागीय जांच कमेटी गठित कर जांच एसीपी लाइन को सौंपी थी। प्राथमिक जांच में पता चला कि फर्जी हस्ताक्षर कर मौर्य ने आठ पुलिसकर्मियों के अवकाश की अनुमति दे दी। इस पर डीसीपी ने हस्ताक्षर के मिलान के लिए फाइल फॉरेंसिक लैब भेज दी। हाल में आई फॉरेंसिक रिपोर्ट में हस्ताक्षर लिपिक देवेंद्र मौर्य के पाए गए। इस मामले में भी जल्द फैसला होना है। पुलिस मामले की जांच कर रही हे where is kanpur