उत्तर प्रदेश के कानपुर में साइबर ठगों का आम लोगों को निशाना बनाने का सिलसिला जारी है। दक्षिण कानपुर के एक डॉक्टर को साइबर ठगों ने अपना निशाना बनाते हुए उनसे 30.50 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने उन्हें मुंबई क्राइम ब्रांच व फेडएक्स कोरियर कंपनी के कर्मचारी बनकर पहले मनी लांड्रिंग केस में फंसने का डर दिखाकर झांसे में लिया। इसके बाद जांच के नाम पर एक बैंक खाते में उनसे रकम ट्रांसफर करा ली। जब उन्हें साइबर ठगी का अहसास हुआ, तो उन्होंने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज करा दिया।
एम ब्लॉक किदवईनगर निवासी डॉ. विवेक मिश्रा पेशे से डॉक्टर ने हैं। तीन दिन पहले उनके पास एक नंबर से फोन आया और कॉल करने वाले ने खुद को फेडएक्स कोरियर कंपनी का कर्मचारी बताते हुए कहा कि उनकी आधार आईडी के साथ एक पार्सल ताइवान भेजा जा रहा था, जिसे मुंबई पुलिस ने रोक लिया है। अवैध सामान होने की बात कहकर नंबर मुंबई क्राइम ब्रांच ट्रांसफर कर दिया गया। खुद को पुलिस कर्मी बताने वाले साइबर ठग ने वीडियो चैट कर मनी लांड्रिंग में फंसने का डर दिखाकर उन्हें आधे घंटे के भीतर अपने बैंक खाते से 75 फीसदी रकम बताए गए खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा गया।
कहा गया कि आरबीआई की जांच के बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा। परिवार सहित फंसने के डर से डॉक्टर ने 30.50 लाख रुपये ठगों के बताए बैंक खाते में जमा करा दिए। ठगों ने उन्हें इसके बाद अगले दिन सुबह 11 बजे तक घर पर ही रहने और किसी से भी बात न करने की बात कही। साथ ही हर आधे घंटे में व्हाट्सएप पर संपर्क में रहने की बात भी कही। हालांकि पैसे जमा होने के बाद किसी ने संपर्क नहीं किया, तो साइबर ठगी का अहसास होने पर उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से की। अब पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।