उत्तर प्रदेश के कन्नौज ज़िले मे पिछले तीन साल में कोरोना की पाबंदी की वजह कर इत्रनगरी से दूर रहने वाले विदेशी अब फिर से यहां आने लगे हैं। इत्र कारोबार को करीब से देखने और कन्नौज के इतिहास से रूबरू होने के लिए तीन साल का सन्नाटा टूटने लगा है। पिछले कुछ दिनों में विदेशी मेहमानों की बढ़ी आमद से यहां रौनक बढ़ रही है।कन्नौज आने वाले विदेशी मेहमान यहां सबसे ज्यादा एफएफडीसी (सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र) पहुंचते हैं। यहां वह इत्र बनाने की हर बारीकी को करीब से देखते हैं। खेत से फूल के आने और फिर प्राकृतिक तरीके से खुशबू तैयार करने की देसी विधि उन्हें खूब भाती है। अभी पिछले दिनों ही छह अप्रैल को यहां फ्रांस, कंबोडिया, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, स्वीटजरलैंड से लोग आए थे। एफएफडीसी के निदेशक डॉ. शक्ति विनय शुक्ला से मिलकर खुशबू के कारोबार की बारीकी भी जानी थी। डॉ. शक्ति विनय शुक्ला के मुताबिक यहां हर साल बड़ी संख्या में विदेशी आते हैं। उनमें से कई लोग यहां रहकर बाकायदा प्रशिक्षण भी हासिल करते हैं।अब यह सन्नाटा टूट रहा है। उम्मीद है आने वाले समय में मेहमानों की संख्या में और इजाफा होगा। इसका फायदा शहर की अर्थव्यवस्था को होगा।विदेशी मेहमानों का आना अच्छी बात है।कन्नौज में समय-समय पर विदेश से लोग यहां आते रहे हैं। एफएफडीसी में ही रहकर ट्रेनिंग भी लेते हैं। यहां से इत्र बनाने की ट्रेनिंग लेकर अपने देश में जाकर उसका कारोबार करते हैं। अब फिर से उनके आने का सिलसिला शुरू हुआ है