उत्तर प्रदेश के कन्नौज। चार साल पुराने दहेज हत्या के मामले में 85 वर्षीय सास को आजीवन कारावास हुआ है। मौके पर न आने की वजह से दोष सिद्ध देवर को सजा नहीं सुनाई जा सकी, जिस वजह से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। आरोपी पति को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया।अपर जिला शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने बताया कि गुरुवार को यह फैसला अपर जिला जज प्रथम विश्वंभर प्रसाद ने सुनाया। कोतवाली गुरसहायगंज क्षेत्र के सफीपुर जप्ती निवासी मोहतसीन उर्फ गुड्डू ने एक अक्तूबर 2019 को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसमें हवाला दिया था कि बहन रेशमा बेगम का निकाह 10 साल पहले कोतवाली सदर कन्नौज क्षेत्र के मोहल्ला बालापीर निवासी शीबू के साथ हुआ था। उसके बाद ससुरालीजन अतिरिक्त दहेज में दो लाख नकद व चौपहिया गाड़ी की मांग कर प्रताड़ित करने लगे। 25 सितंबर 2019 को सुबह आठ बजे बहन रेशमा ने फोन पर बताया था कि उसे जान से मारने की साजिश रची गई है। उसके बाद ससुरालियों ने बहन के आग दी और फरार हो गए। पड़ोसियों ने रेशमा को जिला अस्पताल भेजा। गुड्डू ने बताया कि बहनअस्पताल में भर्ती मिली थी। न्यायालय में दिए बयान में गुड्डू ने बताया कि जब वह बहन के घर पहुंचा तब तक सुसरालीजन भाग गए थे। उधर, घायल बहन को तिर्वा के राजकीय मेडिकल कॉलेज के बाद कानपुर ले गया। वहां 25 सितंबर की शाम उसकी मौत हो गई। इलाज के दौरान कन्नौज में बयान नायब तहसीलदार ने लिया था। तहरीर के आधार पर पुलिस ने गुड्डू ने बहन के पति सीबू, सास अकीला बेगम, देवर संजू, जेबा व दानिश निवासीगण बालापीर कन्नौज और सुरैया निवासी हाजीगंज के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने शीबू शकीला व संजू के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए थे। 85 वर्षीय अकीला को उम्र कैद सुनाई गई और जेल भेज दिया गया।