उत्तर प्रदेश के आगरा में किसान को बंधक बनाकर उसकी पांच बीघा गेहूं की फसल काट ले जाने के मामले में अदालत ने 40 साल बाद सजा सुनाई है। एसीजेएम-1 सुमित चौधरी ने इस मामले में थाना खेरागढ़ के गांव गढ़ी फेतिया निवासी भीका, पोखन, रनवीर, सम्पत, लाखन, देवा, बलवीर, भरत, दंगल, बच्चू और रामगोपाल (कुल 11 लोगों) को दोषी पाया। उन्होंने सभी को पांच वर्ष कैद और 24 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। सैंया क्षेत्र के निवासी वादी अजब सिंह ने तत्कालीन एसएसपी को प्रार्थनापत्र दिया था। आरोप लगाया था कि 17 अप्रैल 1983 की रात वह और चाचा राम प्रसाद जानवरों से फसल की रखवाली के लिए खेत पर सो रहे थे। रात करीब 11 बजे आवाज आने पर दोनों ने चारपाई पर खड़े होकर देखा तो गांव गढ़ी फेतिया के कुछ लोग पांच बीघा गेहूं की फसल काटकर ले जा रहे थे। उन्होंने और चाचा ने विरोध किया तो आरोपी बच्चू और बलवीर ने पकड़ लिया। जान से मारने की नीयत से उनकी छाती पर तमंचा रख दिय आरोपी बद्री और भीका ने रस्सी से उनका हाथ-पांव बांध दिया। डर से चाचा भाग गए। सभी आरोपी 4 घंटे तक फसल काटकर ले जाते रहे। बाद में चाचा व अन्य ग्रामीणों के आने पर वह मुक्त हो सके। दूसरे दिन सुबह गांव वाले मिलकर आरोपियों के गांव गढ़ी फेतिया गए तो वहां उनके घर के सामने गेहूं की कटी फसल रखी थी। पुलिस ने मामले में 26 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। मुकदमे में विचारण के दौरान आरोपी हरी सिंह, श्रीराम, ऊदल, ज्वाला, हुब्बलाल, चोबा, मांगे, विजय सिंह, देवा, लखपत, बच्चू, कारे, बंद्री, राम खिलाड़ी और कल्याण सहित 15 लोगों की मौत हो गई। अदालत ने इनके विरुद्ध मुकदमे की कार्रवाई समाप्त कर दी। अभियोजन की तरफ से वादी सहित 7 गवाह अदालत में पेश किए गए। विचारण के बाद एसीजेएम-1 सुमित चौधरी ने विशेष अभियोजन अधिकारी विनोद कुमार यादव के तर्क पर 11 आरोपियों को दोषी पाया।पुलिस मामले की जांच कर रही हे