उत्तर प्रदेश के झांसी। महानगर में अंधेरगर्दी का फर्जी कारोबार खूब चल रहा है। यहां महज 3200 रुपये खर्च कर कोई भी पुलिस की वर्दी, बैज-बिल्ले और टोपी हासिल कर सकता है। वहीं, कोई पत्रकार बनना चाहे तो मात्र 700 रुपये में किसी भी चैनल की फर्जी आईडी आसानी से बनवा सकते हैं। ऐसे ही किसी फर्जी कारोबार का फायदा उठाते हुए माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के आरोपी युवक भी खुद को पत्रकार बताते हुए उनके नजदीक पहुंच गए थे। असल में दूसरे शहरों की तरह झांसी में भी फर्जी पत्रकार बनने के लिए फर्जी आईकार्ड और फर्जी माइक आईडी आसानी से प्राप्त हो रही है। कई लोग गली-कूचों में इसका कारोबार कर रहे हैं। ये लोग 500 से 700 रुपये हासिल कर धंधा चला रहे हैं।महानगर के गुसाईंपुरा मुहल्ले में महज 700 रुपये में किसी भी चैनल की माइक आईडी तैयार हो जाती है। आईडी बनवाने वालों से किसी तरह का प्रमाण नहीं लिया जाता है। तय कीमत अदा करने पर उन्हें दो दिन के भीतर आईडी थमा दी जाती है। पुलिस की वर्दी की भी है। इसके लिए 3200 रुपये अदा करने पड़ते हैं। महानगर में तीन टेलर पुलिस की वर्दी सिलने का काम करते हैं और चार दुकानों पर पुलिस की वर्दी से जुड़ा सामान टोपी, बेल्ट, सीटी आदि मिल जाती है। यहां भी कोई प्रमाण नहीं लिया जाता है। कोई भी व्यक्ति बेखटके आसानी से पुलिस की वर्दी हासिल कर सकता है। पुलिस मामले की जांच चल रही हे