झाँसी समाचार उत्तर प्रदेश के झांसी जिला में पूंछ निवासी एक ग्रामीण ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। बुधवार की भोर में उनका शव कमरे में फंदे पर लटका मिला। उनके आत्मघाती कदम उठाने की कोई ठोस वजह तो सामने नहीं आई है लेकिन परिवार वालों का कहना है कि गांव में उनकी दुकानें बनीं हुईं थीं जिन्हें पिछले साल यह कहकर तोड़ दिया गया था वह ग्राम पंचायत की भूमि पर हैं। इससे बाद से वह परेशान रहने लगे थे। परिवार वालों ने बताया कि उनके भाई मध्यप्रदेश के भोपाल में एसडीएम हैं।
पूंछ निवासी राममोहन (54) और उनका बेटा पुरुषार्थ कस्बे में जूता-चप्पल और कॉस्मेटिक की दुकान खोले हुए थे। बेटे ने बताया कि दुकानें ग्राम पंचायत की जमीन पर बनी होने की वजह से पिछले साल जुलाई में प्रशासन ने उन्हें तोड़ दिया था। इससे वह और पिता बेरोजगार हो गए थे। फिर से दुकानें शुरू करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे, लेकिन जगह नहीं मिल पा रही थी। मंगलवार रात को पिता खेत से लौटकर आए। इसके बाद वे बिना खाना खाए ही सो गए। सुबह तीन-चार बजे के बीच वह दूसरे कमरे में चले गए और फांसी लगा ली। बेटे ने बताया कि वह सुबह छह बजे जागा तो पिता नहीं दिखाई दिए। कमरा अंदर से बंद था। खिड़की से झांककर देखा तो पिता फंदे पर लटके हुए थे।
खिड़की तोड़कर अंदर गए और पिता को नीचे उतारा। तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। दुकानें टूटने और फसल नुकसान होने की वजह से पिता ने आत्महत्या की है। बता दें कि राममोहन चार भाइयों में सबसे बड़े थे। उनसे छोटे भाई संतोष मुदगिल भोपाल में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। जबकि, एक भाई मनोज दतिया में मां पीतांबरा पीठ में प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। मृतक के दो बेटे और एक बेटी है। बड़ा बेटा कपिल इंदौर में जॉब करता है। जबकि, छोटा बेटा पुरुषार्थ पिता के साथ रहता था। राममोहन की मौत के बाद से परिवार के लोगों का बुरा हाल बना हुआ है। पूंछ थाने के प्रभारी निरीक्षक जेपी पाल ने बताया कि राममोहन ने आत्महत्या की है। परिजनों ने आत्महत्या का कारण दुकान गिरने से बेरोजगार होने और ओलावृष्टि से फसल खराब होना बताया है। पलिस मामले की जांच कराई जा रही है।