उत्तर प्रदेश के झांसी में भी केसरिया वंदेभारत ट्रेन तैयार की जाएगी। रेलवे से 80 वंदेभारत स्लीपर ट्रेन का ऑर्डर मिलने के बाद भारत हैवी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड (भेल) ने तैयारी तेज कर दी है। भेल की झांसी यूनिट में बोगी फ्रेम तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही ट्रेन समय से तैयार करने के लिए भेल ने अन्य कंपनियों से भी आवेदन मांगे हैं। भेल को 2025 तक रेलवे को दो ट्रेनें तैयार करके देनी हैं। हाल ही में रेलवे ने 80 वंदेभारत स्लीपर ट्रेनों को बनाने के लिए भेल के साथ 24 हजार करोड़ रुपये में अनुबंध किया है। इस अनुबंध के मुताबिक भेल को 2029 तक यानी छह साल में सभी वंदेभारत ट्रेनों को तैयार करके रेलवे को सौंपना होगा। वहीं 35 साल तक इनका रखरखाव भी भेल को ही करना होगा। रेलवे से ऑर्डर मिलने के बाद भेल ने काम शुरू कर दिया है। भेल की झांसी यूनिट में बोगी बनाने और कोच की फिनिशिंग का काम होगा। यहां बोगी में पहिये लगाने, एक्सल, ट्रैक्शन मोटर लगाने समेत मेकेनिकल और पेंट के काम होंगे। जबकि बाकी काम टीटीगढ़ वैगन्स लिमिटेड करेगी।रेलवे ने पिछले दिनों वंदेभारत की नई डिजाइन और रंग जारी किया था। इसमें वंदेभारत को केसरिया रंग में दिखाया गया है। भेल अफसरों के मुताबिक झांसी में नए रंग, नई डिजाइन और आधुनिक सुविधाओं वाली वंदेभारत तैयार की जाएगी। वहीं भेल ने बोगी फ्रेम बनाने के लिए कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। ताकि तय समय पर रेलवे को वंदेभारत स्लीपर ट्रेन की आपूर्ति की जा सके। —भेल को लंबे समय बाद देश की सेमी हाईस्पीड ट्रेन बनाने जैसा बड़ा ऑर्डर मिला है। ऐसे में भेल अफसर इस काम को समय से पूरा करने पर जोर दे रहे हैं। भेल ने वंदेभारत स्लीपर ट्रेन के लिए तैयार बोगी भी मांगी हैं। बोगी के पहिए और एक्सल को भेल मुहैया कराएगा। भेल को छह साल में 1280 कोच बनाने हैं। एक वंदेभारत स्लीपर ट्रेन में 16 कोच होंगे। इसके लिए काम शुरू कर दिया है।वंदेभारत स्लीपर ट्रेन बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। झांसी यूनिट में बोगी बनाने का काम किया जा रहा है। 2025 तक दो ट्रेनें रेलवे को तैयार करके देनी हैं। काम को तेजी से पूरा करना है। बोगी बनाने और तैयार बोगी की आपूर्ति के लिए कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं। नई ट्रेन का रंग रेलवे ने केसरिया तय किया है। उसी आधार पर काम होगा।