उत्तर प्रदेश के झांसी। परिवार के भीतर भी बच्चियां सुरक्षित नहीं रह गईं। सत्रह साल की एक पीड़िता ने जब पुलिस के सामने अपना दर्द बयां किया, तो इसे सुनकर जरायम पेशा से रोजाना का वास्ता रखने वाले पुलिसकर्मी भी स्तब्ध रह गए। परिजनों एवं मनोचिकित्सकों की लंबी काउंसलिंग के बाद पीड़िता ने अपने ही मौसा का घिनौना चेहरा उजागर कर दिया। पीड़िता ने बताया कि उसके कक्षा दो में पढ़ने के दौरान मौसा ने पापा को मार डालने की धमकी देकर उसके साथ गंदा काम किया। इसके बाद से वह मौसा से काफी डरने लगी थी। वह किसी से भी खुलकर बात नहीं कर पाती थी। पीड़िता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके आरोपी को जेल भेज दिया है। पीड़िता की काउंसलिंग अभी चल रही है। एक सरकारी विभाग में कार्यरत कर्मचारी पत्नी एवं तीन बच्चों के साथ कोतवाली इलाके में रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी 17 साल की बेटी डिप्रेशन में रहती थी। पहले उन लोगों ने ध्यान नहीं दिया लेकिन दो साल पहले उन्होंने बेटी का इलाज आरंभ कराया। आगरा में काफी समय तक इलाज कराने से फायदा न होने पर ग्वालियर में इलाज कराया गया। इस दौरान मनोचिकित्सकों ने बताया कि बेटी को किसी घटना से गहरा सदमा लगा है। वह सदमे से निकल नहीं पा रही है। मनोचिकित्सकों ने मां-बाप के साथ मिलकर पिछले माह से उसकी काउंसलिंग शुरू की। लंबी काउंसलिंग के दौरान पीड़िता फूट-फूटकर रोने लगी। मनोचिकित्सकों के विश्वास दिलाने पर पीड़िता ने पूरी सच्चाई बयां की। बताया कि घर में आने वाले मौसा उसके साथ गलत काम करते हैं। कुछ दिनों पहले उसे स्कूटी सीखने के लिए भी मौसा के पास भेजा गया। इस वजह से वह मौसा के पास जाने से कतराती थी। पीड़िता की बात सुनकर परिवार के लोगों के पांव तले जमीन खिसक गई। परिजन उसे लेकर झांसी लौट आए। पिता अपनी पीड़ित पुत्री के संग सीधे कोतवाली पहुंचे। यहां पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया। कोतवाल संजय गुप्ता का कहना है कि पीड़िता बहुत डिप्रेशन में थी। उसने अपना बयान दर्ज कराया है। आरोपी को पठौरिया के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही हे