उत्तर प्रदेश के झांसी। गोमता बाग बरुआसागर स्थित राजकीय पौधशाला में एक्सीलेंस सेंटर फॉर वेजीटेबल बनकर तैयार हो गया है। इसे जून माह से शुरू करने की तैयारी है। यहां इजराइल तकनीक से सब्जी और फलों की पौध तैयार कर किसानों को दी जाएगी। इससे तैयार फल और सब्जी न सिर्फ गुणवत्ता में अच्छे होंगे, बल्कि रोग रहित भी होंगे। किसानों की आमदनी में बढ़ाने में यह सेंटर काफी मददगार साबित होगा।सेंटर की खासियत है कि यहां पौध तैयार में करने में मिट्टी का इस्तेमाल नहीं होगा। कोक पिट (नारियल की छाल) और खाद की मदद से इसे बनाया जाएगा। सेंटर में पॉली हाउस के साथ ही मिक्स चैंबर भी बनेगा। जहां तापमान को नियंत्रित करके बीज को पौध में तब्दील किया जाएगा। हर साल यहां करीब 15 लाख पौध तैयार होंगी और प्रति पौध एक रुपये में किसान को उपलब्ध कराई जाएगी।अधिकारियों का दावा है कि कानपुर और कन्नौज के बाद प्रदेश का यह तीसरा एक्सीलेंस सेंटर होगा। इस पर करीब 104 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और उद्यान विभाग को इसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाबुंदेलखंड में तैयार हरी मटर अक्तूबर के अंतिम सप्ताह तक बाजार में पहुंचती है। जब तक यह मटर आती है इससे पहले ही दूसरे प्रदेशों की मटर बाजार में आ चुकी होती है। सीजन की फसल होने के कारण शुरुआत में इसकी कीमत 100 रुपये किलो तक होती है। कई गुना ज्यादा कीमत मिलने से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है। लेकिन यह फायदा दूसरे प्रदेशों के किसानों के हिस्से में चला जाता है। यहां के किसानों के सामने अगैती फसल करने में मौसम बड़ी बाधा होता है। इसी समस्या को एक्सीलेंस सेंटर की मदद से दूर किया जाएगा। किसानों को समय से पहलेेे पौध मिलेगी। जिन्हें खेत में रोपित करके किसान कोई भी फसल समय से करीब एक माह पहले ही तैयार करके बाजार में उपलब्ध करा देंगे। इससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। फसल भी गुणवत्ता में काफी बेहतर होगी।वर्जनएक्सीलेंस सेंटर फॉर वेजीटेबल बनकर तैयार है। इसे जून में शुरू करने की तैयारी है। जल्द ही अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। किसानों की आमदनी बढ़ाने में यह सेंटर काफी मददगार साबित होगा।