झांसी समाचार उत्तर प्रदेश झांसी जिला के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के विकास के साथ ही इसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं। एआई तकनीकी के जरिये साइबर अपराधी आवाज बदलकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनकी रकम उड़ा रहे हैं। इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। शहर में रहने वाले युवक स्वराज के पास आई एक फोन कॉल में एक व्यक्ति ने कहा कि वह उसका चाचा बोल रहा है। उसे एक नंबर पर पचास हजार रुपये ट्रांसफर करने हैं, लेकिन उसके यूपीआई से यह रकम ट्रांसफर नहीं हो पा रही है।
ऐसे में वह अपने यूपीआई से रकम ट्रांसफर कर दे। एक-दो दिन में वह उसे रकम लौटा देंगे। चूंकि, आवाज बिलकुल चाचा जैसी ही थी और बातचीत का लहजा भी हूबहू चाचा का ही था। इस पर भरोसा कर युवक ने बताए गए नंबर पर तीन बार में पचास हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। एक-दो दिन बाद चाचा से मुलाकात होने पर पता चला कि वह साइबर अपराध का शिकार हो गया है। अपराधी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये चाचा की आवाज की कॉपी कर उसके साथ ठगी की घटना को अंजाम दिया है। इस तरह के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। यहां तक कि एआई के जरिये आवाज के साथ-साथ चेहरे तक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
साइबर ठगी से ऐसे बचें....
– यूपीआई से पैसे ट्रांसफर करने से पहले एक बार संबंधित को फोन कर बात जरूर कर लें।
– नियमित रूप से अपने पासवर्ड बदलते रहें।
– एटीएम का पिन नंबर व ओटीपी किसी से भी साझा नहीं करें।
– सोशल प्लेटफार्मों पर अपनी व्यक्तिगत जानकारियां शेयर न करें।
– आसपास होने वाले साइबर अपराधों के बारे परिवार के लोगों से चर्चा करते रहें।
– बैंक खाते की डिटेल कभी भी किसी को फोन पर न दें।