उत्तर प्रदेश के झांसी। एहसान ने मुफलिसी में अपनी पढ़ाई की। जब किताब खरीदने के पैसे नहीं थे, तब परिजनों ने एक बकरी बेच दी। उस पैसे से किताबें खरीदीं। मंगलवार को जब परिणाम आया तो एहसान 94.50 फीसदी अंक लाकर हाईस्कूल में झांसी का दूसरा टॉपर बना गया। उसकी मां ने जैसे ही ये खबर सुनी तो आंख से आंसू छलक पड़े।भट्टागांव के रहने वाला हाफिज सिद्दीकी इंटर कॉलेज के छात्र एहसान के पिता असगर सब्जी मंडी में पल्लेदार हैं। वह महीने में 12 से 13 हजार रुपये कमा पाते हैं। छात्र की मां सलमा बानो गृहिणी हैं। सलमा ने बताया कि उनका सपना है कि बच्चा पढ़ लिखकर आगे बढ़े। मगर आर्थिक तंगी से बेटे को तमाम परेशानियों से जूझना पड़ा। उनकी बेटी की पिछले साल ही शादी हुई थी, उसके लिए लोन लिया था। ऐसे में हर महीने लोन का भी पैसा चुकाना पड़ता है। हाल ये रहा कि इस बार उनके पास हाईस्कूल की किताबें खरीदने के लिए पैसे तक नहीं थे। ऐसे में उन्होंने घर की एक बकरी बेच दी। इससे सात हजार रुपये मिले तो बच्चे की स्कूल की किताबें खरीदीं। सलमा और असगर खुद पर कोई पैसा खर्च नहीं करते थे। एहसान से कहते थे कि बस पढ़ाई करो। वह रोजाना पांच से छह घंटे पढ़ाई करता था। घर में टीवी तक नहीं है। मनोरंजन करने के लिए कुछ देर बैडमिंटन खेलता था। अब वह इंजीनियर बनना चाहता है और माता-पिता का नाम रोशन करना चाहता है।