उत्तर प्रदेश मे एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दे दी हे 16 मार्च 2023 तक झांसी में कोविड का एक भी केस नहीं था। मगर 17 मार्च को चार महीने बाद रसबहार कॉलोनी की 35 वर्षीय महिला कोविड की चपेट में आ गई। इसके बाद से लगातार कोरोना के केस मिल रहे हैं। झांसी में अभी भी कोरोना वायरस की सिर्फ सवा दो सौ जांचें रोजाना हो रही हैं। जबकि, सरकारी अस्पतालों की बात करें तो मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में ही फिजीशियन ओपीडी में रोजाना 300-300 मरीज दिखाने के लिए आते हैं। जबकि, पीडियाट्रिक विभाग की ओपीडी में भी 200 से 250 बच्चे दोनों अस्पतालों में दिखाने आते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि इनमें 25 फीसदी मरीजों में वायरल जैसे लक्षण होते हैं। ऐसे में दोनों अस्पतालों में ही लगभग 250 मरीज रोजाना ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें खांसी, जुकाम या बुखार बना रहता है। इसके अलावा झांसी में लगभग सौ नर्सिंगहोम हैं। इनमें भी बुखार, खांसी, जुकाम से पीड़ित कई मरीज अस्पताल में रोज दिखाने जाते हैं। इन आंकड़ों को देखें तो झांसी में कोरोना की जांच काफी कम हो रही है। दूसरी तरफ, लोग भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। चाहें अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने जाएं या फिर बाजार में खरीदारी करने। इक्का-दुक्का लोगों को छोड़कर कोई भी मास्क नहीं पहनता है कोरोना की रफ्तार तीन दिनों में ज्यादा तेज हुई है। जिले में शनिवार को कोरोना के पांच केस मिले थे। रविवार को दो केस सामने आया। वहीं, सोमवार को सर्वाधिक 10 रोगी मिले हैं कोरोना प्रोटोकाल का पालन जरूरी हे नहीं तो यह पहले जैसा भयानक रूप ले लेगा