उत्तर प्रदेश के झांसी शहर में एक सनकी बेटे ने शुक्रवार की देर रात को अपने कमरे में सो रहे शिक्षक पिता और मां को लोहे के तवे और डंडे से पीट-पीटकर मार डाला। परिवार के लोगों का कहना है कि युवक पबजी गेम के मकड़जाल में फंसकर अपना मानसिक संतुलन खो बैठा था। वह बीते दिन भी मोबाइल पर गेम खेल रहा था। गुस्साए पिता ने उससे मोबाइल छीना और घर में छुपा दिया। उस वक्त तो युवक नाराज होकर अपने कमरे में चला गया लेकिन देर रात को उसने सोते मां-बाप पर हमला कर दिया। बंगरा निवासी लक्ष्मी प्रसाद झा (58) पलरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य थे। वह अपनी पत्नी विमला (55) और इकलौते बेटे अंकित (28) के साथ पिछोर में रहते थे। तीन बेटियों में बड़ी बेटी नीलम एवं सुंदरी की शादी हो चुकी जबकि छोटी बेटी शिवानी उरई में रहकर पढ़ाई करती है। झांसी में ही रहने वाली बड़ी बेटी नीलम के मुताबिक अंकित को पबजी गेम खेलने की लत लग गई थी। पिता इस बात पर उसे अक्सर टोकते थे। वह उससे मोबाइल भी छीन लिया करते थे। लेकिन इसके बाद भी जब कभी अंकित को मोबाइल मिलता वह चोरी-छिपे पबजी खेलने लग जाता था। शुक्रवार को भी अंकित के हाथ मोबाइल लग गया था। जब पिता लक्ष्मी प्रसाद ने उसके हाथ में मोबाइल देखा तो उसे फटकारते हुए मोबाइल छीन लिया और अपने कमरे में अलमारी में रख दिया था। इससे अंकित नाराज हो गया । रात में सब लोगों ने साथ में खाना खाया और अपने कमरे में जाकर सो गए। लक्ष्मी प्रसाद अपनी पत्नी विमला के साथ नीचे वाले कमरे में थे। जबकि अंकित पहली मंजिल पर बने अपने कमरे में चला गया। एसएसपी राजेश एस ने बताया कि अब तक की पड़ताल और गिरफ्तार अंकित से पूछताछ में जो पता चला है उसके मुताबिक रात को करीब दो बजे अचानक अंकित कमरे में आया। उसने हाथ में लोहे का तवा लिया हुआ था। इसी तवे से अपने पिता लक्ष्मी प्रसाद के चेहरे एवं सिर पर कई वार कर दिए। चीख पुकार सुनकर पास में सो रही उनकी पत्नी विमला की आंख खुल गई। जैसे ही वह बीच-बचाव को आगे आईं अंकित ने उनके ऊपर भी तवे और डंडे से हमला कर दिया।मां विमला भी खून से लथपथ होकर वहीं पर गिर पड़ी। लक्ष्मी प्रसाद की मौके पर ही मौत हो गई जबकि विमला गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके बाद अंकित वापस अपने कमरे में चला गया। घटना का खुलासा तब हुआ जब झांसी में ही रहने वाली उनकी बेटी नीलम ने अपने पिता लक्ष्मीप्रसाद को फोन किया लेकिन फोन उठा नहीं। लिहाजा उसने पड़ोसी काशीराम को फोन करके बताया कि उनके पिता का फोन नहीं उठ रहा है। इस पर काशीराम इनके घर पहुंचे। उन्होंने किसी तरह से दरवाजा खोला और भीतर जाकर देखा तो लक्ष्मीप्रसाद और उनकी पत्नी खून से लपथपथ अवस्था में बिस्तर पर पड़े थे। पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में मुहल्ले वाले भी जमा हो गए। उस समय विमला की सांसें चल रही थीं। उन्होंने ही पुलिस को बताया था कि उनके बेटे ने दोनों पर हमला किया था। कुछ ही देर बाद मेडिकल कालेज में विमला की भी मौत हो गई। पुलिस ने घर से ही आरोपी युवक अंकित को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।