इंदौर को अब नए बस स्टैंड की सौगात मिलेगी, शहर की सीमाएं बढ़ी, बार्डों की संख्या बढ़ी लेकिन नए बस स्टैंड की सौगात शहर को नहीं मिल पा रही थी, इंदौर का पहला बस स्टैंड 5 मई 1973 को बना था। चार एकड़ के क्षेत्रफल में तब इसके निर्माण पर 18 लाख रुपये खर्च हुए थे। इसका निर्माण रेशमवाला कपाउंड क्षेत्र में हुआ था
शहर का पहला सरवटे बस स्टैंड 50 साल पहले बना था, लेकिन शहर में अब दो नए बस स्टैंड बनेंगे , आधुनिक बस स्टैंड की मांग हमेशा शहर में बनी रही। नायता मुंडला का बस स्टैंड लगभग बनकर तैयार हो चुका है। पिछले दिनों स्टैंड की एप्रोच रोड के आसपास के अतिक्रमण भी हटा दिए गए। इसके अलावा एमआर-10 पर आईएसबीटी का काम भी 65 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। यह बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन से भी जुड़ेगा। यह बस स्टैंड तीन महीने मे शुरू होगा।
नायता मुंडल बस स्टैंड को 500 बसों के हिसाब से डिजाइन किया गया है। महाराष्ट्र की तरफ से आने वाली बसें इस स्टैंड पर यात्रियों को छोडेगी और ले जाएगी। मुबंई, नागपुर,भुसावल रुट की बसों का संचालन यहां से हो सकेगा।
इंदौर विकास प्राधिकरण प्रदेश का सबसे बड़ा बस स्टैंड एमआर-10 ब्रिज के पास बना रहा है। यहां से 1500 बसों का संचालन होगा और 500 बसों की पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश की तरफ से आने वाली बसों के यात्री यहां उतर सकेंगे। यहां फुड जोन, क्लॉक रुम, रेस्ट रुम, शौचालय सहित अन्य सुविधाएं मिलेगी।आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने बताया कि बस स्टैंड का 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। छह माह बाद स्टैंड का लोकार्पण होगा। यह बस स्टैंड मेट्रो के स्टेशन से भी जुड़ा रहे
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