मध्य प्रदेश के इंदौर बारिश के दौरान शहर में खतरनाक मकानों को हटाने का काम भी जारी है। बुधवार को नगर निगम का अमला खजूरी बाजार क्षेत्र मेें खतरनाक मकान हटाने पहुंचा। मकान 80 साल से ज्यादा पुराना है और कई हिस्से जर्जर हो चुके हैै। यह मकान सीताराम मोतीबई का है। उनकी वर्षों पहले मौत हो चुकी है और उनका कोई वारिस भी नहीं है। खतरनाक मकान में गोपाल रावत नामक किराएदार भी है। उसने अफसरों से विवाद करना शुरु किया और कहने लगा कि उसका परिवार 70 सालों से किराएदार है। उनका दुकान पर वैधानिक कब्जा है और कोर्ट में केस भी चल रहा हैै। वह हाथ में दुकान के दस्तावेज लेकर जोर-जोर से चिल्लाता रहा। विवाद की आशंका को देखतेे हुए निगम अफसरों ने सराफा थाने का पुलिस बल भी मौके पर बुलवा लिया। पौन घंंटे तक जारी विवाद के कारण मकान तोड़ने का काम भी अटका रहा। बाद में अफसर दुकान वाले हिस्से को छोड़कर बाकी मकान जमीदोंज कर चले गए।आपको बता दे कि शहर में डेढ़ सौ से ज्यादा खतरनाक मकान नगर निगम की सूची में है, लेकिन सालभर में दस-बारह मकानों पर को ही तोड़ा जाता है। ज्यादातर मकानों के प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है। इंदौर में खतरनाक मकानों के गिरने के कारण बड़े हादसे भी हो चुके है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही हे