मध्य प्रदेश के इंदौर समेत पूरे मध्यप्रदेश में कम बारिश की वजह से किसान परेशान हैं। इसे लेकर अब प्रशासन भी अलर्ट पर आ गया है। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने गुरुवार को इंदौर के रेसीडेंसी में अधिकारियों की बैठक लेकर फसलों की स्थिति की समीक्षा की। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी विशेष रूप से मौजूद थे। बैठक में कृषि, राजस्व, जल संसाधन, ग्रामीण विकास सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। मंत्री सिलावट ने फसलों की स्थिति की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए की सभी अधिकारी फसलों पर सतत निगरानी रखें। वे किसानों से निरंतर संवाद बनाए रखें। अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र का सघन प्रबंध करते रहें। सभी मैदानी राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से क्षेत्र का भ्रमण करें और रोज न्यूनतम 25-25 खेतों को देखें। वे फसलों की स्थिति का जायजा लें तथा उसकी रिपोर्ट तैयार करें। साथ ही उन्होंने किसानों से कहा कि वे किसी भी तरह की चिंता नहीं करें। मध्यप्रदेश सरकार किसानों की हितेषी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश सरकार किसानों के हर सुख/दुख में साथ खड़ी है। उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। हर संभव किसानों को समुचित राहत एवं सहायता प्रदान करने के लिए संकल्पित है। बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि जिले में गुरुवार सुबह 8:30 समाप्त हुए पिछले 24 घंटे में 38 मिलीमीटर औसत वर्षा हुई है। यह सोयाबीन की फसलों के लिए अनुकूल है। फसलों पर सकारात्मक प्रभाव होगा। फसलों की स्थिति में सुधार होगा। जिन किसानों ने जल्दी पकने वाली सोयाबीन की किस्म लगाई है उनके खेतों में आंशिक रूप से नुकसान की आशंका है। बताया गया के जिले में इस वर्ष 2 लाख 13 हजार रकबे में सोयाबीन की फसल बोई गई है। कुछ क्षेत्रों में हल्की मध्यम एवं कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश दर्ज की गई। जिससे जहां जहां वर्षा हुई है सोयाबीन की फसल में जल्दी पकने वाली प्रजातियां जिनमें हरापन है तथा अभी दाना पकने की अवस्था हैं उनमें दाना अच्छा पोषित हो जाएगा। देर से पकने वाली प्रजातियों में जिनमें फली बन रही है या दाना भरने की अवस्था है उनमें उत्पादन अच्छा प्राप्त होगा।