संभल, उत्तर प्रदेश का एक जिला जिसके अंदर एक तहसील है उसका नाम भी संभल ही है, यह नगर अपने प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों के लिए कभी प्रसिद्ध हुआ करता था लेकिन एक समुदाय विशेष के आतंक के कारण इन प्राचीन मंदिरो को एक तरह से गायब सा कर दिया गया था, फिर भी सच तो आखिर सच है न धरती का सीना चीयर कर बहार आएगा ही । संभल जिले के कुछ प्रमुख मंदिरों का विवरण निम्नलिखित है:
1. मनोकामना मंदिर (Manokamna Mandir):
यह संभल का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां बाबा राम मणि की समाधि स्थित है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, बाबा राम मणि एक महान संत थे, जिन्होंने अनेक लोगों की बीमारियों का उपचार किया और निःस्वार्थ जीवन जिया। मंदिर परिसर में एक तालाब है, जिसके चारों ओर हनुमान मंदिर, राम-सीता मंदिर और देवजी मंदिर जैसे अन्य छोटे मंदिर स्थित हैं।
2. कल्कि विष्णु मंदिर (Kalki Vishnu Mandir):
यह मंदिर भगवान विष्णु के दसवें अवतार ‘कल्कि’ को समर्पित है, जिनके बारे में मान्यता है कि वे कलियुग के अंत में प्रकट होंगे। मंदिर का प्रवेश द्वार ‘प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर’ के नाम से जाना जाता है, जो इसकी प्राचीनता को दर्शाता है।
3. कैला देवी मंदिर (Kaila Devi Mandir):
यह मंदिर मां कैला देवी को समर्पित है और देश में उनके दो प्रमुख मंदिरों में से एक है; पहला राजस्थान में और दूसरा संभल के भूड़ इलाके में स्थित है। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है। मंदिर परिसर में स्थित सात सौ वर्ष पुराना बरगद का पेड़ भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है।
4. सूरजकुंड मंदिर (Surajkund Mandir):
यह मंदिर एक प्राचीन जलाशय ‘सूरजकुंड’ के निकट स्थित है, जो धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। मंदिर और इसके आसपास का क्षेत्र श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
5. राधा-कृष्ण मंदिर (Radha-Krishna Mandir):
हाल ही में संभल में एक प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर की खोज हुई है, जो सैनी समाज से संबंधित है। यह मंदिर हिंदू परिवारों से घिरे क्षेत्र में स्थित है और क्षेत्र के धार्मिक इतिहास की गवाही देता है।