हिमाचल प्रदेश के कुल्लू सेब सीजन का आगाज होने के बाद तीन सप्ताह में अब तक कुल्लू की फल मंडियों में सेब की दो लाख पेटियां पहुंच चुकी हैं। बागवान रंग आने पर सेब को मंडियों में बेचने के लिए ला रहे हैं। जिला की खेगसू सब्जी मंडी में अब तक सेब की सबसे अधिक खेप पहुंची है। जबकि जिला मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर बंदरोल सब्जी मंडी दूसरे नंबर पर है। मनाली की सब्जी मंडी चौरीबिहाल और निरमंड में अभी तक खाता भी नहीं खुल पाया है। जबकि कुल्लू के अखाड़ा बाजार की मंडी में नाममात्र का सेब आया है। मनाली की चौरीबिहाल सब्जी मंडी बाढ़ के चलते बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई थी। वैकल्पिक जगह पर सब्जी मंडी का कारोबार होना है, लेकिन अभी तक यहां पर बागवान फसल नहीं ला सके हैं। अखाड़ा बाजार वाली मंडी में व्यापारी कम होने के कारण बागवानों व किसानों को दाम अच्छे नहीं मिलते, इसलिए बागवान सब्जी मंडी बंदरोल में ही सेब बेचने को तरजीह दे रहे हैं। हालांकि इस बार बागवानों को मंडियों में दाम अच्छे मिल रहे हैं। बंजार में अब तक अधिकतम 1800 रुपये, बंजार में 1200, खेगसू में 1700, बंदरोल में 2500 रुपये तक सेब की एक पेटी बिकी है। शाट सब्जी मंडी में 900, कुल्लू में 800 और पतलीकूहल में 2500 रुपये तक सेब बॉक्स बिका है। एपीएमसी लाहौल-स्पीति की सचिव शगुन सूद ने कहा कि 15 अगस्त के बाद सेब सीजन और रफ्तार पकड़ेगा। उन्होंने कहा कि आपदा के बावजूद इस बार कुल्लू में बागवानों को सेब के बेहतर दाम मिल रहे हैं। अब तक करीब दो लाख सेब के बॉक्स कुल्लू की मंडियों में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि बागवान स्थानीय मंडियों को तरजीह दे रहे हैं।