वैसे तो दिल्ली के मंत्री, उपमुख्य मंत्री और स्वयं केजरीवाल जो की मुख्यमंत्री है दिल्ली के बात बात में खुद से स्वघोसित ईमानदार होने की डींगे हाकते रहते है, और उपराज्यपाल को बीजेपी या केंद्र का एजेंट कहने में संकोच भी नहीं करते है, लेकिन शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया जी को १९ फरबरी को सीबीआई की अदालत में अपनी सफाई देने को बुलाया गया है, अब वो यहाँ पर जाकर क्या कहने वाले है ये तो अनुमान लगा ही सकते है, क्युकी ये सब तो खुद को ही ईमानदार सिद्द करके सीबीआई उपराज्यपाल को बीजेपी और केंद्र का एजेंट बना देंगे और खुद को हर नियम कानून से ऊपर रख कर यही बोलेगे की केंद्र से एक ईमानदार आम आदमी की सरकार नहीं देखि जा रही है।
क्या है दिल्ली की शराब घोटाले का मामला
जिस मामले में कोर्ट ने बुलाया है वो दिल्ली में आबकारी, या शराब, नीति मामला है जिसके अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में शराब बेचने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार के नए नियमों पर विवाद को संदर्भित करता है और उसमे झोलझाल है । इसी कथित भ्रष्टाचार को लेकर लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना द्वारा नीति को लाल झंडी दिखाई गई थी और सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है ।मुख्या मामला है जिसमें 2021-22 में शराब लाइसेंस के लिए निविदा में कुछ को अनुचित लाभ प्रदान किया था पार्टी के कार्यकर्ताओ और उनके रिस्तेदारो को। .
आप पार्टी जो की स्वघोसित ईमादार पार्टी है, उस ने सिसोदिया के खिलाफ मामले को फर्जी बताया है, और ईमनदारी की मिसाइल अरविंद केजरीवाल ने लाउडस्पीकर से घोषणा की कि भाजपा ने उन्हें हिमाचल प्रदेश और गुजरात में आप पार्टी की लोकप्रियता को रोकने के लिए धांधली की थी इसलिए उनकी वहा सरकार नहीं बन सकी।
कुलमिलाकर एक यही ईमानदार है बाकि सब बेईमान।