हरियाणा के चंडीगढ़ मे पांच जुलाई से हड़ताल पर चल रहे लिपिकों और सरकार के बीच बुधवार को हुई तीसरी बैठक भी असफल रही। सरकार ने लिपिकों को एक या दो स्तर की पदोन्नति के बराबर वेतन वृद्धि का ऑफर दिया है, लेकिन लिपिकों ने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें 35,400 मूल वेतन (ग्रेड पे) से कम कुछ मंजूर नहीं है।बुधवार को दो चरणों की बातचीत के बाद जब बात नहीं बनीं तो अगले सप्ताह फिर से बैठक के लिए समय निर्धारित किया गया। सरकार व लिपिकों के बीच सहमति न बनने से लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बड़ी संख्या में लोग इंतजार में हैं और हजारों करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित है।लिपिक संघ के पदाधिकारियों और सीएम के ओएसडी जवाहर यादव के बीच बैठक दोपहर करीब दो बजे सचिवालय में शुरू हुई। एक घंटे तक वार्ता के बाद कोई नतीजा नहीं निकला और दोनों पक्षों बैठक को विराम दे दिया। एक घंटे बाद लगभग चार बजे दोबारा बैठक शुरू हुई।दोनों दौर की बातचीत में लिपिक एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने 35,400 मूल वेतन करने के समर्थन में तर्क, न्यायालय के आदेश व अन्य तथ्य प्रस्तुत किए। जवाहर यादव ने लिपिकों को एक ऑफर दिया। इस पर विचार करने के लिए लिपिक एसोसिएशन ने कुछ देर का समय मांगा, लेकिन बाद में लिपिकों ने ऑफर अस्वीकार कर दिया। इसके बाद करीब साढ़े पांच बजे बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई। सरकार की ओर से अगले सप्ताह फिर बैठक करने की बात कही गई है।बैठक के बाद कर्मचारी नेता कर्ण सिंह मोगा व अन्य ने कहा कि बुधवार की बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया। सरकार ने कोई ऑफर नहीं दिया। लिपिकों की 35,400 ग्रेड पे की मांग है। बाढ़ को लेकर सरकार जो आदेश देगी, लिपिक वह काम करेंगे। जब तक उनकी मांग पर विचार-विमर्श नहीं हो जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। कुछ कर्मचारी नेताओं ने सरकार पर गुमराह करने का भी आरोप लगाया।सीएम के ओएसडी जवाहर यादव ने कहा कि सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई है। दोनों पक्षों ने बाढ़ राहत कार्याें पर सहमति जताई है। बातचीत क्या रही, यह अभी नहीं बताया जा सकता। दोनों पक्षों ने तय किया है कि एक बार फिर से दोनों पक्ष बैठेंगे। हड़ताल के बावजूद लिपिक मदद कर रहे हैं। यह मदद आगे भी जारी रहेगी। पांच से छह दिन में दोबारा से बैठक होगी।21 दिनों से चल रही हड़ताल के कारण सबसे ज्यादा काम राजस्व विभाग में प्रभावित है। जहां लगभग 57000 रजिस्ट्री लंबित हैं। इससे करीब पांच हजार करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित है। सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। साथ ही लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा पूरे प्रदेश में लगभग 1.30 लाख से अधिक रिहायशी प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य कागजात नहीं बन पा रहे हैं। जिस कारण दिल्ली व चंडीगढ़ में विभिन्न विभागों में चल रही भर्तियों के उम्मीदवारों के कागजात पूरे नहीं हो पा रहे हैं। नगर निकायों में प्रॉपर्टी टैक्स सहित अन्य कार्य, जनस्वास्थ्य विभाग में पानी के बिल आदि जमा नहीं हो पा रहे हैं।लिपिकों की सरकार के साथ अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं। 13 जुलाई को पहली बैठक सीएम के ओएसडी जवाहर यादव के आवास पर हुई थी। दूसरी बैठक 21 जुलाई को हुई। अब तीसरी बैठक भी बेनतीजा रही।जूनियर इंजीनियर (जेई) एसोसिएशन ने भी वेतन संबंधी मांगों को लेकर आंदोलन की राह पकड़ ली है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश रुहल ने बताया कि पिछले वेतन आयोग से ही वेतन विसंगितयां चली आ रही हैं। जब बार-बार सुनवाई नहीं हुई तो 12 जुलाई को कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन का फैसला लिया गया। 19 जुलाई को सभी डीसी को ज्ञापन दिए गए। 24 व 25 को काले बैज लगाकर काम किया। अब 26 व 27 जुलाई को पेन डाउन हड़ताल रखेंगे। इसके बाद दो अगस्त को सांकेतिक हड़ताल रहेगी। छह अगस्त को राज्य कार्यकारिणी की बैठक में आगामी फैसला लिया जाएगा। उनकी मुख्य मांग जेई को एसडीओ के 53,600 के मूल वेतन से एक स्तर नीचे 47,600 ग्रेड पे दिया जाए। इस समय जेई को 35,400 मूल वेतन मिल रहा है।