हरियाणा के अंबाला में सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है, 26 तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, फतेहाबाद में हाईवे पर तटबंध बना तिरपाल डाली जा रही है। बाढ़ का खतरा बरकरार है। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने के कारण दिल्ली-एनसीआर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उत्तर भारत में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में पांच जगह बादल फट गए। इससे कई जगह सड़कें टूट गईं और हाईवे पर मलबेे से यातायात रुक गया है। हरियाणा में फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अंबाला समेत पानीपत के 40 किलोमीटर क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषत किया गया है।हथिनीकुंड बैराज में पानी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया। बैराज का जलस्तर शनिवार दोपहर तक 2.51 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। इससे पहले एक लाख क्यूसेक पानी होने पर बैराज के सभी गेट खोल दिए गए। पानी देर रात जिले की सीमाओं में पहुंच गया। यमुना के साथ लगते करीब 40 किलोमीटर क्षेत्र के गांवों में हाईअलर्ट जारी कर दिया है। मुनादी करा ग्रामीणों को यमुना की तरफ नहीं जाने की हिदायत दी गई है। गश्त भी बढ़ा दी है। यह पानी 72 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा, जिसके बाद एनसीआर और दिल्ली की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।अंबाला छावनी में लोगों को अलर्ट जारी की सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है। मारकंडा नदी का पानी भी सात फुट पर पहुंच गया है। टांगरी नदी भी उफान पर है। पहाड़ाें से पानी छोड़े जाने के कारण घग्गर में भी उफान आने की संभावना है। सिरसा में भी घग्गर का जलस्तर बढ़ रहा है। मल्लेवाला, चामल व बाजेकां में तटबंध टूट गए जिस कारण खेतों में पानी भर गया। फतेहाबाद शहर में भी बाढ़ का खतरा बरकरार है। ओवरब्रिज के ऊपर दोनों तरफ से वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है। हिसार-सिरसा नेशनल हाईवे-9 के किनारे आधा फुट पानी और बढ़ गया है।हई शाबाश..घूंघट में भी निभा रही जिम्मेदारी.. नेशनल हाईवे पर बाढ़ का पानी रोकने के लिए बांध बनाया जा रहा है। इसमें महिला मनरेगा मजदूरों की भी बराबर की भागीदारी है। फोटो: राजेश मेहूवाला हाईवे पर बनाए गए तटबंध पर अब तिरपाल लगाई जा रही है ताकि पानी बाहर न आए। शहर को बचाने के लिए जगह-जगह बंधे बनाए गए हैं। भूना रोड को भी बंद कर दिया गया। अंबाला में दो किशोर बहाव में बह गए। उनको बचा लिया गया।मौसम विभाग ने 26 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 24, 25 और 26 को भारी बारिश हो सकती है। शनिवार को पंचकूला में सबसे ज्यादा करीब 100 एमएम, चंडीगढ़ में 58 एमएम, करनाल में 46 एमएम, अंबाला में 27 एमएम बारिश दर्ज की गई। सीएम मनोहर लाल ने सिरसा और फतेहाबाद जिले का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि जाखल, भूना, रतिया, फतेहाबाद तथा सिरसा ब्लॉक के बहुत से गांव और ओटू झील के आसपास के क्षेत्र के गांवों में पानी आया है। प्रदेश में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 40 पहुंच गई है और दो लोग अब भी लापता हैं। प्रदेश के 1461 गांव बाढ़ से ग्रस्त हैं। 1857 जानवरों की मौत हो चुकी है। अंबाला, फरीदाबाद, फतेहाबाद और सिरसा में एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। फतेहाबाद में सेना भी तैनात है। हरियाणा सरकार के मुताबिक अब तक 7846 लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है। हालांकि अंबाला, कुरुक्षेत्र व अन्य इलाकों में बनाए गए राहत कैंपों में अब सिर्फ 819 लोग ही बचे हैं। अंबाला-सहारनपुर सेक्शन की डाउन लाइन बंद, पांच ट्रेनें प्रभावित…अंबाला-दुखेड़ी के किलोमीटर नंबर 257 पर टांगरी नदी में डाउन लाइन के पुल को कभी भी छू सकता है। अंबाला-सहारनपुर सेक्शन रेल सेक्शन की डाउन लाइन को बंद कर दिया है। स्थिति पर नजर रखने के लिए रेलवे सहित आरपीएफ कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। ऊना-सहारनपुर ट्रेन रद की गई। शिमला के चिड़गांव व कुल्लू की गड़साघाटी में बादल फटने से तीन लोग बह गए जबकि एक दंपती की मौत हो गई। कालका-शिमला एनएच पर यातायात वनवे किया गया है। शिमला-किन्नौर और नाहन-शिमला में भी एनएच ठप रहा। कांगड़ा के गगल और कुल्लू के भुंतर हवाईअड्डे में हवाई सेवाएं बंद रहीं। सिरमौर में उत्तराखंड सीमा पर बने जटौन बांध और कांगड़ा जिले में पौंग बांध से पानी छोड़ा गया है। मंडी, सरकाघाट, बलद्वाड़ा, धर्मपुर, बल्ह, सुंदरनगर, सराज और नाचन में भूस्खलन से कई सड़कें बाधित रहीं। राज्य की प्रमुख नदियां सतलुज, रावी, ब्यास के साथ घग्गर और उज्ज उफान पर हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों के कई गांवों में पानी घुस गया है। 11 जिलों में अलर्ट घोषित किया गया है। फिरोजपुर में सतलुज का तटबंध टूटने से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। भाखड़ा बांध में जलस्तर 1651 के पार हो गया है, यह फ्लड गेट लेवल से 6 फीट अधिक है, लेकिन खतरे से जलस्तर 29 फीट नीचे है। अकरु जंगल में बादल फटने के कारण छाड़ा खड्ड, कमल नदी, माल गाड़ सहित अन्य गदेरे अचानक उफान पर आ गए। नहरें, सड़क और पुल क्षतिग्रस्त हो गए। गाड़ियां व मोटर साइकिल बह गए। केदारनाथ हाईवे पर कई जगह मलबा आया। यमुनोत्री हाइवे समेत 299 सड़कों पर आवाजाही ठप है।
बादल फटने से लेह-बाजार में बाढ़ के हालात हैं। डोडा में चिराला तहसील का मुख्यालय से संपर्क कट गया है। चिनाब का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है।