हरियाणा के चंडीगढ़ में नगर निगम, नगर परिषद व नगर निकायों में तकनीकी शाखा की ओर से डीपीआर, डिजाइन व अनुमानित लागत की रिपोर्ट तैयार की जाती है। इसके बाद संबंधित प्रोजेक्ट पर काम आगे बढ़ता है। कई नगर निकायों में तो कनिष्ठ अभियंता के पद खाली हैं।हरियाणा के नगर निकायों में तकनीकी शाखाओं में विशेष रूप से कनिष्ठ अभियंताओं व एसडीओ की कमी के कारण विकास कार्य नहीं रुकेंगे। अब एजेंसियों से अनुमानित लागत रिपोर्ट, डिजाइन व अन्य प्लानिंग संबंधी कार्य करवाने का फैसला लिया है। इसके लिए सूचना जारी कर एजेंसियों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। एजेंसियों को अनुबंधित करके उनसे शहरों में सड़क, भवन, सीवरेज, पार्क व अन्य निर्माण कार्यों के लिए अनुमानित लागत रिपोर्ट, डिजाइन, डीपीआर रिपोर्ट बनवाई जाएंगी। विकास कार्यों के लिए कई बार लंबा इंतजार करना पड़ता है। मौजूदा व्यवस्था में नगर निगम, नगर परिषद व नगर निकायों में तकनीकी शाखा की ओर से डीपीआर, डिजाइन व अनुमानित लागत की रिपोर्ट तैयार की जाती है। इसके बाद संबंधित प्रोजेक्ट पर काम आगे बढ़ता है। कई नगर निकायों में तो कनिष्ठ अभियंता के पद खाली हैं। कई जगह अतिरिक्त कार्यभार देकर काम चलाया जा रहा है। कनिष्ठ अभियंता स्तर पर कई अन्य तरह के कार्य भी रहते हैं। तकनीकी शाखा से ही कई चरणों में यह कार्य पूरा होता है। इस कारण विकास कार्यों के लिए कई बार लंबा इंतजार करना पड़ता है। इससे कार्यों में अनावश्यक देरी होती है, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है।शहरी निकाय विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने अब नई व्यवस्था बनाई है। ताकि सड़क, नालियों, गलियों, सीवरेज, पार्क, भवन व अन्य विकास कार्य पूरे करने में तेजी लाई जा सके। सरकार की ओर से जारी सूचना के अनुसार अनुमानित लागत रिपोर्ट के लिए नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के लिए अलग-अलग स्तर व अलग-अलग राशि के हिसाब से एजेंसियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। इनका एक पैनल बनाया जाएगा। पैनल के बाद संबंधित नगर निकाय तय करेगा कि किस एजेंसी से किस विकास कार्य के लिए अनुमानित लागत रिपोर्ट, डिजाइन बनवाने है। सरकार ने एजेंसी के लिए कई तरह के नियम बनाए हैं। इन मानकों पर खरा उतरने वाली एजेंसी को ही काम दिया जाएगा।