हरियाणा के हिसार में अगले दो दिनों में प्रदेश से मानसून की विदाई हो जाएगी। हिसार जिले में सामान्य से 54 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मानसून का अपने निर्धारित समय से पहले ही आगमन हुआ था। अरब सागर पर एक प्रति चक्रवात बन गया है। इसके साथ ही प्रदेश से मानसून की विदाई भी शुरू हो गई है। मौसम विशेषज्ञ की मानें तो आने वाले दो दिनों में प्रदेश से मानसून विदाई हो जाएगी। हिसार जिले में इस बार सामान्य से 54 प्रतिशत कम पानी बरसा है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि इस बार राज्य में मानसून का अपने निर्धारित समय से पहले ही आगमन हुआ था। जून और जुलाई महीने में प्रदेश के दो-तीन जिलों को छोड़कर मानसून गतिविधियां सामान्य से अधिक रही। मगर अगस्त और सितंबर महीने के पहले पखवाड़े में अलनीनो के असर के कारण मानसून गतिविधियों पर ब्रेक लगा रहा। इस वजह से मानसून की विदाई के दौरान प्रदेश में बारिश सामान्य से कम दर्ज हुई है। 1 जून से 25 सितंबर के दौरान हरियाणा एनसीआर दिल्ली में कुल 419.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है जबकि इस दौरान संपूर्ण इलाके में 423.3 मिलीमीटर सामान्य बारिश दर्ज किया जाता है, जो सामान्य बारिश से एक प्रतिशत कम है। प्रदेश के 6 जिलों में सामान्य से कम और 16 जिलों में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई है। वहीं अगर हिसार जिले की बात करें तो 1 जून से 26 सितंबर तक जिले में 298.1 एमएम सामान्य बारिश होती है, जबकि इस बार सिर्फ 138 एमएम बारिश ही हुई, जो सामान्य से 54 प्रतिशत कम है। फिलहाल बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवात बना हुआ है। यह अगले 24 घंटों में एक अत्याधिक दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर ओडिसा, बिहार, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश से पश्चिमी की तरफ बढ़ने की संभावना है। मगर अरब सागर पर स्थित प्रति चक्रवात इसे वापस उत्तर प्रदेश की तरफ धकेल देगा। इस वजह से उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिसा, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में लगातार मानसून गतिविधियां जारी रहेगी जबकि पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में मानसून की विदाई हो जाएगी। हालांकि 2-3 अक्तूबर को प्रति चक्रवात कमजोर होने से हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली के पूर्वी हिस्सों में बंगाल की खाड़ी से आ रही मानसूनी हवाओं से उत्तरप्रदेश पर बने चक्रवात का आंशिक असर देखने को मिलेगा। इसके असर से आंशिक बादलवाही और सीमित स्थानों पर बिखराव वाली बारिश देखने को मिलेगी