उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम कर रही है। ज्ञानवापी में एएसआई की टीम बिना मशीनों के प्रयोग से ही पूरे परिसर का नक्शा शीट पर उतारा। उधर, मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने 1669 में मंदिर ध्वस्त कराया और उसके ढांचे को बदल दिया। तभी हिंदू अपना अधिकार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब कानूनी तरीके से अधिकार पाने के प्रयास में लगे हैं। वहीं, मुस्लिम पक्ष को इस दावे पर आपत्ति है। उसका कहना है कि ज्ञानवापी परिसर में 600 वर्षों से नमाज अदा की जा रही है। एएसआई सर्वेक्षण के दौरान वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर मौजूद रहे हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण आज सुबह 7 बजे 40 विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा शुरू किया गया। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की जा रही है। दोपहर के भोजन के बाद सर्वेक्षण फिर से शुरू होगा। यह सर्वेक्षण लंबे समय तक जारी रहेगा।नवापी में जुमे की नमाज के लिए सर्वे का काम रुकने के कारण ज्ञानवापी परिसर से बाहर निकले हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि दो बजे के बाद सर्वे शुरू होगा। ज्ञानवापी में नमाजियों के हुजूम को देखते हुए सर्वे का काम 12:30 बजे रोकने की बात कही जा रही है। फिर दो बजे के बाद सर्वे का काम शुरू होगा। शुक्रवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। इधर, एएसआई टीम ने ज्ञानवापी क्षेत्र को चार भागों में बांटने के बाद सर्वे शुरू किया। शासन के द्वारा पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। सर्वे टीम सबसे ज्यादा ज्ञानवापी के पश्चिमी दीवार की जानकारी जुटाने में लगी हुई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से मैदागिन से गोदौलिया तक बैरकेडिंग कर पूरे क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है। केवल पैदल राहगीर और दर्शनार्थियों को ही काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने दिया जा रहा था। वैज्ञानिक जांच में देखा जाएगा कि क्या मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर की संरचना के ऊपर किया गया।पश्चिमी दीवार की उम्र और प्रकृति की जांच होगी। तीन गुंबदों के ठीक नीचे सर्वे। सभी तहखानों की जांच व उसकी सच्चाई। इमारत की दीवारों पर मौजूद कलाकृतियों की सूची बनेगी। कलाकृतियों की उम्र और प्रकृति का पता लगाया जाएगा। इमारत की उम्र, निर्माण की प्रकृति का पता भी लगाया जाएगा।इमारत के विभिन्न हिस्सों और संरचना के नीचे मौजूद ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व की कलाकृतियों और अन्य वस्तुओं की जांच की भी जांच होगी। ज्ञानवापी में एएसआई के सर्वे को लेकर आज सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम हैं। काशी विश्वनाथ धाम के गेट नम्बर-4 और उसके चौतरफा के एक किलोमीटर के दायरे में चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात है। यहां तक कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों के साथ ही मंदिर प्रबंधन के कर्मियों के मोबाइल भी जमा कराए गए हैं। वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे जारी है। एएसआई की 64 सदस्यीय टीम के 34 लोग ज्ञानवापी में मौजूद हैं। करीब 15 दिन तक चलने वाले सर्वे से कई हकीकत सामने आ सकती है। विवादित स्थल की वास्तविकता क्या है? विवादित स्थल के नीचे जमीन में क्या सच दबा हुआ है? ज्ञानवापी में बने गुंबद कब बनाए गए? तीनों गुंबद कितने पुराने हैं? ज्ञानवापी में जुमे की नमाज के लिए नमाजी दोपहर एक बजे से आना शुरू करेंगे। लगभग डेढ़ बजे से नमाज शुरू होगी। दो बजे नमाज पढ़ कर नमाजी बाहर निकल जाएंगे। इस दौरान लगभग एक घंटे तक सर्वे का एएसआई के विशेषज्ञों की टीम चरणबद्ध तरीके से जिला अदालत के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करेगी। जिला अदालत ने 11 बिंदुओं पर सर्वे करके रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट की मुहर लगते ही एएसआई की टीम सक्रिय हो गई। पहले हुए सर्वे की वजह से उपकरण भी वाराणसी में रखे हैं। इसीलिए शुक्रवार सुबह से ही सर्वे शुरू हो गया है।ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की टीम सर्वे कर रही है। वहीं इसे लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। डीएम व पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।