उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सूडान से दिल्ली होते हुए बृहस्पतिवार को 31 लोग बस से सहजनवां पहुंचे। यहां सभी के चेहरों पर सकुशल वतन लौटने की खुशी साफ झलक रही थी। मगर, सूडान में रहने के दौरान जीवन बचाने के संकट को याद कर अभी भी उनके रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं। वे सुरक्षित घर तो पहुंच गए लेकिन, इस सदमे से उबरने में अभी वक्त लगेगा। ज्यादातर के पैसे खर्च हो गए थे। बाहर सड़क पर निकलना मुमकिन नहीं था और भूख से मरने जैसे हालात बन गए थे। गोलियों, बमों की तड़तड़ाहट से सांसें थम जा रही थीं।सहजनवां के एक रेस्त्रां पर प्रशासनिक टीम की तरफ से स्वागत के बाद अपनी आपबीती बयां करते-करते कुछ नागरिकों की आंखें डबडबा जा रहीं थीं तो कुछ खामोश हो जा रहे थे। बताया कि सूडान में सेना और पैरा मिलिट्री फोर्स के बीच चल रही सत्ता वर्चस्व की जंग में आम लोगों का बुरा हाल हो गया है। सबसे अधिक दुश्वारी दूसरे देशों से पहुंचे नागरिकों को उठानी पड़ रही है। सेनाओं की जंग में भारतीयों के जीवन पर भी संकट खड़ा हो गया था। वे जहां रहते और काम करते थे, उनके आसपास लगातार गोली और बम चल रहे थे। मगर, विपरीत हालात में भी उन्हें अपने देश के पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरा भरोसा था। जनता ने अपने सीएम पर भरोसा दिखाया