उत्तर प्रदेश के गोरखपुर। मणिपुर हिंसा के बीच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालाॅजी (एनआईटी) इंफाल में फंसे छात्रों में मंगलवार को सिद्धार्थनगर छात्र आशीष गोरखपुर पहुंच गया है। वह खुद प्लाइट लेकर आया है। बुधवार की सुबह वह सिद्धार्थनगर के लिए रवाना होगा। इन सबके बीच अभी भी करीब उत्तर प्रदेश के 35 छात्र एनआईटी में फंसे हैं। यह छात्र प्रदेश सरकार की हेल्पलाइन नंबर पर खुद ही संपर्क किए हैं, लेकिन उन्हें एक से दो दिन के बाद घर बुलाने का आश्वासन दिया है। लेकिन, छात्र अब और डर गए हैं। क्योंकि, बिहार के सभी छात्रों का दल मंगलवार की भोर में रवाना हो गया है। इसके बाद से हॉस्टल में यूपी के छात्र अकेले रह गए हैं।एनआईटी कैंपस में फंसे बस्ती के रहने वाले मुंडेरवा का छात्र नीरज प्रताप ने बताया कि बिहार के छात्रों के जाने के बाद केवल उत्तर प्रदेश के छात्र हाॅस्टल में बचे हैं। इसकी वजह से मन और डर बैठ गया है। हॉस्टल में सभी छात्र अकेले हैं।मंगलवार की सुबह कैंपस से दो किलोमीटर दूरी पर आग लगने से धुंआ उठ रहा था। इससे मन में और डर बैठ गया है। मंगलवार को लखनऊ के एक हेल्पलाइन नंबर से फोन आया था। बताया गया है कि एक से दो दिनों के अंदर व्यवस्था करके वहां से निकाला जाएगा।एनआईटी कैंपस में फंसे कैंपियरगंज के गेरुई के रहने वाले बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र प्रदुम्न ने बताया कि एनआईटी के आसपास सेना के जवानों ने गश्त और बढ़ा दी है। साथ ही जवानों की संख्या अचानक और बढ़ गई है। इसकी वजह से हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के बीच और डर बैठ गया है। बताया कि सुबह और शाम को एनआईटी प्रशासन ने दाल, चावल और सब्जी खाने को दिया है। इन सबके बीच लखनऊ से संपर्क किया गया तो वहां से बताया गया कि एक से दो दिन और लगेंगे। जबकि, बिहार के छात्रों को वहां की सरकार ने 24 घंटे के अंदर ही अपने-अपने घर बुलवा लिया है।सेना के जवानों ने की मदद गोरखपुर पहुंचा छात्रएनआईटी कैंपस में फंसा सिद्धार्थनगर का छात्र आशीष मंगलवार को गोरखपुर पहुंच गया है। यहां पहुंचने उसने अपने दोस्तों से मुलाकात कर वहां के अनुभव साझा किए हैं। अमर उजाला से बातचीत में बताया कि वह बुधवार की सुबह सिद्धार्थनगर के लिए रवाना होगा। बताया कि कोलकाता से ट्रेन से आया हूं। वहां के बारे में जैसे ही चर्चा की गई तो उसके आंखों में डर बैठ गया। बोला स्थिति बेहद भयानक है। सेना के जवान अगर एयरपोर्ट न पहुंचाते तो घर पहुंचना मुश्किल था। सेना के जवानों ने काफी मदद की, उनकी बदौलत घर वापसी हो पाई है।।पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।