उत्तर प्रदेश के गोरखपुर। प्रदेश के माफिया की सूची में शामिल विनोद उपाध्याय गिरोह के दीपक यादव को पुलिस ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। जबकि, पुलिस का दबाव बढ़ने पर उसके दूसरे साथी कमलाकांत पांडेय ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों आरोपियों को कोर्ट से न्यायिक अभिरक्षा में फिर से जेल भेजा गया। कोतवाली पुलिस ने 2020 में विनोद उपाध्याय के गिरोह पर गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। माफिया विनोद इस समय जमानत पर रिहा है और लखनऊ में है। दीपक कजाकपुर, जबकि कमलाकांत गीडा का निवासी है।जानकारी के मुताबिक, धर्मशाला निवासी विनोद उपाध्याय पर हत्या, अपहरण, जालसाजी, हत्या के प्रयास समेत 20 से ज्यादा केस गोरखपुर सहित अन्य जनपदों में दर्ज हैं। वह गोरखपुर जिले के टॉप टेन माफिया की सूची में शामिल है। एसपी ने बताया कि 21 जुलाई 2020 को तत्कालीन कोतवाल जयदीप वर्मा की तहरीर पर कोतवाली थाने में माफिया विनोद उपाध्याय के गिरोह पर गैंगस्टर का केस दर्ज किया था। गिरोह में विनोद लीडर है तो वहीं गुर्गे के रूप में कमलाकांत पांडेय, दीपक यादव, बेलीपार का हरदिया पिछौरा निवासी अजय गुप्ता उर्फ बबलू, गोरखनाथ निवासी मनोज जायसवाल का नाम शामिल है। तभी से दीपक व कमलाकांत फरार थे। कमलाकांत ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया और दीपक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।विनोद उपाध्याय गिरोह ने ही शहर का चर्चित पीडब्ल्यूडी हत्याकांड कर सनसनी फैला दी थी। इस घटना में दिनदहाड़े पीडब्ल्यूडी कैंपस में दो पक्षों में फायरिंग हुई थी तीन साल से फरार दीपक और कमलाकांत फिर जेल में पहुंचे, संपत्तियों का जुटाया जा रहा ब्योरा