उत्तर प्रदेश के गोरखपुर। खुद को पीएनबी मुख्य शाखा का मैनेजर बताकर 24.70 लाख की जालसाजी के आरोपी दयानंद गुप्ता को सोमवार को खोराबार पुलिस व एसओजी टीम ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया। इसके दो साथियों को पुलिस पहले ही जेल भिजवा चुकी है।आरोपी दयानंद राजघाट के बसंतपुर नरकटिया का निवासी है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि दयानंद पिछले तीन साल से फरार था। उसपर 10 हजार का इनाम था। उसके दो साथियों राजन यादव और कौशल को पुलिस पहले ही जेल भिजवा चुकी है। एसपी सिटी ने बताया कि सिक्टौर निवासी महिला शिक्षक उमा श्रीवास्तव को राजन यादव व कौशल कुमार एफडी पर ज्यादा ब्याज का लालच देकर 21 दिसबंर 2018 को पीएनबी मुख्य शाखा ले गए। जहां उनकी मुलाकात दयानंद गुप्ता से कराई। दयानंद ने खुद को वहां का मैनेजर बताया। एफडी के नाम पर 24 लाख 70 हजार रुपये ले लिया और फर्जी रसीद दे दी। कहा कि इस एफडी को 10 जनवरी 2020 को तोड़वा लीजिएगा। साथ ही अच्छा कस्टमर बताकर उमा को एक मोबाइल फोन उपहार में दे दिया। कहा कि यह बैंक की तरफ से है। महिला जब 10 जनवरी 2020 को एफडी तोड़वाने बैंक गई तो उसे जालसाजी की जानकारी हुई। जिसके बाद उन्होंने खोराबार पुलिस से संपर्क किया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने 15 जुलाई 2020 को केस दर्ज किया। राजन यादव ने खुद को एजेंट बताया था, वही कौशल महिला को बैंक ले गया था तभी से दयानंद फरार था। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। पुलिस मामले की जांच कर रही हे