उत्तर प्रदेश के लखनऊ में घोसी विधानसभा के उपचुनाव में दो दमदार योद्धाओं के मैदान में होने से मुकाबला रोचक हो गया है। यहां मुख्य लड़ाई भाजपा के दारा सिंह चौहान और सपा के सुधाकर सिंह के बीच ही होगी। दोनों ही नेता दो-दो बार विधानसभा चुनाव भी जीत चुके हैं। दोनों दलों के लिए यह चुनाव लोकसभा की जंग के लिए भी अपने-अपने समीकरणों के आंकलन का अवसर देगा।मुस्लिम और पिछड़ा बहुल इस सीट पर ज्यादातर सामान्य और पिछड़ा वर्ग के नेताओं का ही कब्जा रहा है। हालांकि, दलित और मुस्लिम समुदाय से भी एक-एक बार यहां विधायक जीते हैं। जातिगत लिहाज से देखें तो इस विधानसभा क्षेत्र में मुसलमानों के साथ ही पिछड़े वर्ग के नोनिया चौहान, राजभर, बिंद, कश्यप और निषाद जाति के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। पिछड़े वर्ग के मतदाता डेढ़ लाख से अधिक हैं तो मुसलमान भी 60-70 हजार तक हैं। 60 हजार दलित और करीब 70 हजार सामान्य वर्ग के मतदाता हैं।मऊ और आसपास के जिलों में सजातीय समाज में प्रभाव रखने वाले सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर अब भाजपा के साथ हैं। पिछले चुनाव में वह सपा के साथ थे। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि सामान्य, पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम पसमांदा समाज की बदौलत बाजी उनके हाथ ही रहेगी। वहीं, सपा के नेताओं का मानना है कि सुधाकर सिंह के सामान्य जाति के होने के चलते इस वर्ग का वोट भी उन्हें मिलेगा। पीडीए और सामान्य वर्ग का समीकरण उन्हें जीत की ओर ले जाएगा। अब बाजी किसके हाथ रहती है, यह तो 8 सितंबर को ही साफ होगा। इतना तो तय है कि दोनों ही दलों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है।