नई दिल्ली मे जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने राजधानी आए विदेशी मेहमानों का मन स्वदेशी फूलों की भीनी-भीनी खुशबू मोह रही है। यहां रोजाना गाजीपुर फूल मंडी से 20 टन से अधिक फूल पहुंच रहा है। इसमें कोलकाता का देशी गेंदा, मुकीमपुर का गुलाब, उत्तराखंड से ब्रह्म कमल को मुख्य रूप से मंगाया गया है। इसकी मांग सबसे अधिक है। इसके साथ ही नौरंगा, जरबरा, बर्ड ऑफ पैराडाइस, लिलियम, एंथुरियम प्रजाति के साथ ही कई फूलों की किस्में भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रही हैं। इन फूलों की खास बात है कि इनकी खुशबू लंबे समय तक बनी रहती है। ऐसे में विदेशी मेहमान इन फूलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। भारत मंडपम से लेकर जहां विदेशी मेहमान ठहरे हैं और जिन रास्तों से वह गुजर रहे हैं, वहां कई जगहों को फूलों से सजाया गया है। ऐसे में शांत वातावरण में यह फूल सड़कों से लेकर सम्मेलन की मेज तक अपनी अलौकिक छाप छोड़ रहे हैं। मेहमानों का ध्यान सबसे अधिक सड़कों पर सजाए गए चटक लाल व पीले रंग के गेंदे के फूल ध्यान खींच रहे हैं। फूल व्यापारियों के मुताबिक, जी-20 शिखर सम्मेलन के चलते फूलों का कारोबार 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। कारोबारियों का कहना है कि अभी केवल यहां से सम्मेलन को लेकर ही फूलों भेजा रहा है। गाजीपुर फूल मंडी के प्रधान तेग सिंह चौधरी ने बताया कि फूल कारोबारियों के लिए यह सम्मेलन खुशियां लेकर आया है। उन्होंने बताया कि स्वदेशी फूलों ने विदेशी फूलों का बाजार कम कर दिया है। विदेशों से दिल्ली आने वाली फ्लाइट नहीं आ रही है, जिसके परिणाम स्वरूप सजावट में देसी फूल काम आ रहे हैं। यह खूब पसंद भी किए जा रहे हैं। गाजीपुर फूल मंडी के कारोबारियों ने बताया कि देशी फूलों की अचानक से जिस तरह से मांग बढ़ी है वह इससे पहले कभी देखने को नहीं मिली है। फूल कारोबारियों का कहना है कि सबसे अधिक गेंदा और गुलाब की मांग है। यहां तक की इनके रेट भी घंटों के हिसाब से बढ़ रहे हैं। कारोबारी यश गुर्जर ने बताया कि जो गेंदा 400 रुपये किलो मिलता था वह इस समय 1200 रुपये किलो बिक रहा है। विदेशों से फूल कम आ रहे हैं। देसी फूल मेहमानों को अधिक पसंद आ रहे हैं। सम्मेलन ने इन फूलों की कीमत बढ़ा दी है। यह भविष्य में कारोबार के लिए अच्छा संकेत है। गेंदा और गुलाब की ऐसी मांग पहले कभी नहीं देखी थी। उम्मीद से अच्छा कारोबार हो रहा है।