उत्तर प्रदेश के फतेहपुर। मौरंग खदानों से ओवरलोडिंग के मामले में कमिश्नर की रिपोर्ट को परिवहन आयुक्त ने संज्ञान में लिया है। एआरटीओ प्रवर्तन द्वितीय/यात्रीकर अधिकारी जीएन मिश्रा को निलंबित किया है। मामले की जांच अपर परिवहन आयुक्त को सौंपी गई है। प्रयागराज कमिश्नर विजय विश्वास पंत और आईजी चंद्र प्रकाश द्वितीय समेत तीन संयुक्त टीमों ने 23 मई खदानों से ओवरलोडिंग पर छापामारी की थी। पहली कमिश्नर की टीम राम कौंहन खदान पहुंची थी। दूसरी टीम अपर जिलाधिकारी नजूल प्रयागराज ने ओती खंड-चार, तीसरी टीम सिटी मजिस्ट्रेट प्रयागराज ने अढ़ावल खंड तीन के कंपोजिट एक और तीन में पुलिस के साथ पहुंची थी। जांच के बाद कमिश्नर ने अवैध खनन में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, जिला खनन अधिकारी और संबंधित थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध पाई थी। इसके अतिरिक्त एसडीएम, सीओ, एएसपी, एडीएम/प्रभारी अधिकारी खनन की पर्यवेक्षण कार्य में शिथिलता पाई थी। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई और प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण की संतुति की थी। डीएम को सभी खनन स्थलों का निरीक्षण कर अनियमितता संबंधी विस्तृत जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में भेजने का आदेश किया था। मामले की रिपोर्ट परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने संज्ञान में लिया। कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर जिले में ओवरलोडिंग, वाहनों की नंबर प्लेट पर कालिख पुती होना, हाई सिक्योरिटी प्लेट न होना पाया। मामले में यात्रीकर अधिकारी गोविंद नारायण मिश्रा को प्रथम दृष्टयता दोषी पाया गया है। इसी आधार निलंबन की स्वीकृत की गई। कुछ माह पहले यात्रीकर अधिकारी को एआरटीओ प्रवर्तन द्वितीय का चार्ज भी मिला था। मामले की जांच अपर परिवहन आयुक्त नरेंद्र सिंह को सौंपी गई है। निलंबन की अवधि में यात्रीकर अधिकारी को परिवहन आयुक्त कार्यालय मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही हे