उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद कायमगंज। कोतवाली क्षेत्र के गांव भटासा निवासी चौकीदार के संन्यासी भाई की नहर किनारे ईंट से कुचलकर व नुकीली चीज से हत्या कर दी गई। हत्या करते समय इतनी क्रूरता दिखाई कि संन्यासी की आंखें बाहर निकाल दीं। बेटे ने गांव के ही एक व्यक्ति पर आरोप लगाते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।गांव भटासा निवासी चौकीदार रामाधार कठेरिया के छोटे भाई हरिश्चंद्र (55) ने 20 वर्ष पहले पत्नी की मौत के बाद संन्यास ले लिया था। वे अक्सर घर से चले जाते थे। कहीं भी मांगकर अपना पेट भर लिया करते थे। सोमवार सुबह गांव नरसिंहपुर व भटासा गांव के बीच नहर पुलिया के पास उनका शव देखा गया। वहां से गुजरे राहगीरों ने शव देख गांव भटासा में सूचना दी। इस पर उनका पुत्र श्यामू व भाई चौकीदार मौके पर पहुंचे। सूचना पर सीओ सोहराब आलम व इंस्पेक्टर क्राइम संतोष अवस्थी पहुंच गए। ईंट से कुचलकर व किसी नुकीली चीज से चेहरे को गोदकर हत्या की गई थी। शव के पास में लाल रंग का अंगौछा, एक थैला, कमंडल व एक शराब का पाउच पड़ा था। हत्या में इस्तेमाल की गई ईंट भी पड़ी थी। हत्या इतनी क्रूरता से की गई, कि शव की आंखें बाहर निकल आईं। शव के पास ही एक पीले रंग का अंगौछा पड़ा था। इसे देखकर चौकीदार ने हत्यारोपी की भी शिनाख्त कर ली।घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई। बाबा की बेटी मंगला व अन्य परिजन बुरी तरह बिलख रहे थे। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल को यलो टेप से कवर किया। फोटोग्राफी कर नमूने लिए। मृतक के एक पुत्र श्यामू व एक बेटी मंगला है। दोनों की शादी हो चुकी है। श्यामू ने गांव के ही रामनिवास के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें कहा गया कि ढाई माह पूर्व श्यामू व उसके पिता हरिश्चंद्र से गांव के रामनिवास के बीच विवाद हो गया था। रामनिवास ने दोनों का सिर काट लेने की धमकी दी थी। इसी रंजिश में उसके पिता की बेहरहमी से हत्या कर दी गई है।पत्नी की मौत के बाद गरीबी में हो गए थे संन्यासी कायमगंज। गांव भटासा निवासी हरिश्चन्द्र की पत्नी की 20 साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। उनकी बेटी मंगला और बेटा छोटे ही थे। दोनों बहन भाइयों के पालन पोषण में चौकीदार व अन्य भाइयों ने मदद की थी। पत्नी की मौत के बाद हरिश्चंद्र सदमे में आ गए। गरीबी और तंगी के कारण संन्यास ले लिया था। हरिश्चन्द्र घर-घर मांगकर अपना पेट भरते थे। अक्सर घर से गायब हो जाते थे।संन्यासी बाबा हरिश्चन्द्र बिना दावत के ही हर जगह पहुंचकर खाना खा लेते थे। घटनास्थल पर लोगों ने बताया कि उन्हें रविवार रात गांव नरसिंहपुर में एक दावत में खाना खाते देखा था। इससे अनुमान लगाया गया हत्यारोपी वहीं दावत से साथ लग गया। इसके बाद नहर पुलिया के पास लाकर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।नहर पुलिया के पास पुलिस को शव के पास पीले रंग का अंगौछा मिला था। संन्यासी बाबा के भाई चौकीदार रामाधार ने उसे देखकर पहचान लिया। उसने पुलिस को बताया कि यह अंगौछा गांव के रामनिवास का है।साथ ही कहा कि रविवार शाम करीब 3 बजे हरिश्चन्द्र के पीछे रामिनवास को जाते हुए देखा गया था। इस पर गांव में रामनिवास की तलाश की गई। रामनिवास अपने घर से फरार मिले। पुलिस को मजबूत संकेत मिल गए। हत्या कर आरोपी रामनिवास घर से फरार हो गए।
पुलिस मामले की जांच कर रही हे