झांसी समाचार उत्तर प्रदेश के झांसी मे तीन हजार किमी लंबे रेलवे ट्रैक पर अब एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) रोबोट नजर रखेगा। पूरे मंडल में कहीं भी रेलवे ट्रैक, इंजन, सिग्नल और ओएचई में आने वाली तकनीकी खामी के बारे में रोबोट अफसरों को पहले से अलर्ट दे देगा। इसके लिए मंडल में रोबोट को प्रशिक्षण देने का काम चल रहा है। रोबोट की मेमोरी में रेलवे अफसर पूरे ट्रैक और हर छोटे से छोटे बिंदु का डाटा फीड कर रहे हैं।
सुरक्षित रेल संचालन के लिए रेलवे ट्रैक, इंजन, सिग्नल, ब्रिज, ओएचई, ट्रेन के पहिये समेत तमाम मशीनों और संचार माध्यम का दुरुस्त होना जरूरी है। हालांकि रेलवे ट्रेनों के संचालन में पूरी सजगता बरतता है, लेकिन कई बार तकनीकी खामी के चलते ट्रेनें दुर्घटना का शिकार हो जाती हैं। इससे रेलवे को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ता है। अब झांसी मंडल ने हादसों पर लगाम लगाने और तकनीकी विकास के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) तकनीक को अपनाया है। यहां रोबोट तैयार किया जा रहा है।
रोबोट में मंडल से गुजरने वाली हर ट्रेन, तीन हजार किमी लंबी पटरी, इंजन, सिग्नल, एचई, 350 छोटे-बड़े ब्रिज व ट्रेन के आठ हजार से अधिक पहियों की एक-एक जानकारी फीड की जा रही है। साथ ही मंडल में लगाए जाने वाले सेंसर और ऑटोमेटिक सिग्नल का भी डाटा अपलोड किया जा रहा है। अगर कहीं भी कोई खामी आती है तो रोबोट तत्काल रेलवे अधिकारियों को अलर्ट दे देगा।