उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में मेडिकल यूनिवर्सिटी, सैफई के कार्डियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. समीर सराफ व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन पर वित्तीय अनियमितता, पीड़ित मरीजों को वित्तीय हानि पहुंचाने और मरीजों की जान खतरे में डालने के आरोप है। इन पर रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक ने पत्र लिखा था। डॉ. सराफ फिलहाल निलंबित हैं।
मेडिकल यूनिवर्सिटी के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. आदेश कुमार ने पुलिस को 24 दिसंबर 2021 को स्पीड पोस्ट से पत्र भेजा था। पुलिस ने जांच के बाद इस मामले में सोमवार को मामला दर्ज किया। इसमें आरोप है कि यूनिवर्सिटी में कैथ लैब का एक से डेढ़ साल का सामान उपलब्ध होने के बावजूद यूनिवर्सिटी में तैनात डॉ. समीर सराफ एवं संलिप्त अन्य लोगों ने वर्ष 2019 में करीब एक करोड़ मूल्य की अनावश्यक चीजें खरीदीं। इसमें लाखों रुपये की धांधली हुई।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कई स्तर पर जांच के बाद इस धांधली की पुष्टि के बाद पैंमेंट रोका था। यह भी आरोप लगाया गया है कि डॉ. समीर सराफ ने कई पीड़ित मरीजों से धोखाधड़ी कर गलत पेसमेकर लगाया और अनुचित तरीके से अधिक मूल्य वसूला है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत भर्ती हुए कुछ मरीजों से भी नाजायज वसूली की गई है। तहरीर में यह भी आरोप है कि डॉक्टर समीर ने सपरिवार नियम विरुद्ध कई अनधिकृत विदेश यात्राएं भी कीं। इनकी स्पॉन्सर्ड वह कंपनियां थीं, जिनसे अनुपयोगी सामान की सप्लाई ली गई थी। थाना प्रभारी मोहम्मद तारिक ने बताया कि डॉ. समीर सराफ व अज्ञात सम्मिलित लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की जांच क्षेत्राधिकारी करेंगे।