उत्तर प्रदेश के इटावा मे रामनगर रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज बनने कार्य अभी गति नहीं पकड़ सका है। आधी सड़क पर खुदाई कार्य होने की वजह से लोगों की दिक्कतें अभी से बढ़नी शुरू हो गई हैं। एक साइड होने की वजह से लोगों का जाम का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में लाइनपार क्षेत्र के ज्यादातर वाहन सवारों को अभी से ही लंबा चक्कर काट कर गुरु तेगबहादुर ओवरब्रिज से आना जाना पड़ रहा है। इस वजह से बीएसएस कार्यालय के बगल में बने गुरुतेग बहादुर ओवरब्रिज पर वाहनों का दबाव बढ़ना शुरू हो गया है। जबकि पुल से उतरने के दौरान सामने सड़क पर गड्ढे होने की वजह से वाहन सवारों को संभल कर वाहन चलाना पड़ रहा है। लाइनपार क्षेत्र की करीब डेढ़ लाख की आबादी है। रामनगर, विजय नगर, फ्रेंड्स कॉलोनी, अशोक नगर, पचावली, शांति कॉलोनी, अजीतनगर के लोगों को कचहरी, जिला अस्पताल, बैंक, डाकघर जैसे अन्य कार्यों के लिए रामनगर फाटक पार कर आना पड़ता है। फाटक से कुछ दूरी पर आधी सड़क खुली है इसी से आना जाना हो रहा है। ट्रेन आने पर फाटक बंद होने पर ज्यादातर लोग गुरु तेगबहादुर ओवरब्रिज से आवागमन करते हैं। इस पुल का प्रयोग करने वाले वाहन सवारों की परेशानी यह है कि उतरते ही उन्हें सामने सड़क पर गड्ढे की वजह से संभलकर वाहन चलाना पड़ रहा है। अभी राहत की बात यह है कि स्कूल और कॉलेज नहीं खुले हैं, लेकिन कुछ ही दिन में खुुलने के बाद सबसे ज्यादा दिक्कतें स्कूली बच्चों को होगी। उन्हें अब घर से और पहले तैयार होकर स्कूल के लिए निकलना होगा। स्कूल के लिए देर न हो जाए इसलिए उन्हें गुरु तेगबहादुर ओवर ब्रिज से आवागमन करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में इस ओवरब्रिज पर उन्हें जाम का सामना भी करना पड़ सकता है। हालांकि इसका नजारा अभी से देखने को मिल रहा है। पुल से आवागमन करते वाहनों की संख्या अभी से बढ़़ने लगी है। सुनील अंबेडकर अजीतनगर वार्ड के सभासद सुनील अंबेडकर ने कहा कि रामनगर फाटक पर सड़क के एक ओर खुदाई कार्य शुरू होने व दूसरी ओर से आवागमन होने से जाम लगने लगा है। यह दिक्कत अभी कुछ नहीं है, स्कूल खुलने के बाद और ज्यादा बढ़ जाएगी। ऐसे में अब लोगों को कचहरी जाने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ेगा। शांति कॉलोनी निवासी विशाल चौहान का कहना है कि बारिश का दौर शुरू हो चुका है, ऐसे में जो लोग मैनपुरी अंडर पास में जलभराव होने पर रामनगर फाटक से सैफई से आते- जाते थे, उन्हें काफी दिक्कतें उठानी पड़ेंगी। उन्हें अब गुरु तेगबहादुर ओवरब्रिज से आना जाना पड़ेगा। इसमें उनका और भी ज्यादा समय लगेगा।