उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले मे बसरेहर में संचालित गोशालाएं अभी भी अव्यवस्थाओं का शिकार हैं। ग्रामीण क्षेत्र की कई गोशालाओं में क्षमता से अधिक गोवंश होने की वजह से उन्हें धूप और बारिश से भी बचाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। वहीं भूसे और केयरटेकर का भुगतान अटका होने की वजह से गोवंशों को दिन में छुट्टा छोड़ दिया जा रहा है।विकासखंड क्षेत्र बसरेहर की ग्राम पंचायत चौबिया के जैनपुर की गोशाला में करीब पौने दो सौ गोवंश हैं। गोशाला नीचे स्थान पर होने की वजह से थोड़ी सी बारिश में यहां पानी भर जाता है और गोवंश उसमें ही रात बिताने को मजबूर रहते हैं। कीचड़ में गोवंश गिरकर चोटिल भी होते रहते हैं। रविवार को दो गोवंश बीमार भी थे।गोशाला में तैनात केअरटेकरों का चार का मानदेय रुका होने की वजह से उन्हें घर चलाना मुश्किल हो रहा है। वहीं भूसे का भी खर्च पर्याप्त न मिलने से गोवंशों को खिलाना मुश्किल पड़ रहा है। चौबिया प्रधान अनिल कुमार ने बताया कि गोशाला नीचे स्थान पर होने की वजह से जलभराव हो जाता है। जल्द ही भराव कराकर समस्या का समाधान किया जाएगा। केअरटेकरों का भी समय से भुगतान न आने की वजह से परेशानी होती है। दो माह में लगभग तीन लाख चौदह हजार के भूसा खिलाया है। इसमें पिछले महीने सिर्फ 57 हजार रुपये भुगतान आया है। ऐसे में गोशाला का संचालन करना अब मुश्किल हो रहा है।भरथना। कंधेसी पचार गांव में स्थित गोशाला में करीब 70 गोवंश है। परिसर में बना खड़ंजा जगह-जगह टूटा होने की वजह से पानी भर जाता है। पीछे की तरफ की चाहरदीवारी की पटिया टूटने से गोवंश रोकने के लिए कटीली झाड़ लगाई गई है। केयर टेकर उत्तम कुमार ने बताया कि गौवंशो के आपस में लड़ने से पटिया के कुछ गाटर टूट गए हैं।खड़जा टूटने से बरसात का पानी भर जाता है। प्रधान प्रतिनिधि सूर्य प्रकाश ने बताया कि गोशालाएं की पटिया सही जल्द ही कराई जाएगी। जनवरी माह तक के भूसे का भुगतान पिछले सप्ताह मिला है। अभी चार माह का भुगतान शेष है। ऐसे में काफी परेशान होती है।कुंअरा गांव में स्थित गोशाला में रविवार दोपहर ताला डला हुआ था। केयरटेकर मौके पर मौजूद नहीं थे। गोवंश टिनशेड के अंदर थे। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शंकर सविता ने बताया कि गोशाला में करीब 72 गोवंश मौजूद है। पानी के लिए समरसेबिल पंप लगा है। हौज भी पानी से भरा रहता है। भूसे का पर्याप्त स्टॉक है। सात माह के बकाया में से कुछ दिन पहले ही पौने दो लाख रुपये का भुगतान भेजा गया है। अभी कुछ माह का भुगतान शेष है। गोवंशो की देखरेख के लिए तीन केयर टेकर की तैनाती है। ताखा। गोशालाओं की स्थिति सुधारने के लिए शासन व्यवस्थाओं को जोड़ने में लगी है। इसके लिए पंचायतों के ग्राम प्रधानों को समय-समय पर निर्देश दे रही है लेकिन प्रधानों की ओर से गोशालाओं के लिए खरीदे भूसे का समय पर भुगतान नहीं होने से व्यवस्था चौपट है। मुर्चा की गोशाला में टिनशेड बल्लियों पर टिका हुआ है। मुर्चा ग्राम प्रधान उमा देवी ने बताया कि करीब एक लाख रुपये भूसा व हरे चारे का बकाया है। इसका अभी तक बजट नहीं आने से भुगतान नहीं हो सका है। 15 फीसदी अन्य पंचायतों से मिलने वाला बजट भी नहीं मिल सका है। समथर प्रधान कोमल ठाकुर का कहना है कि गोशाला में करी 250 गोवंश मौजूद है। उनके चारे के लिए करीब 13 लाख रुपये का भूसा खरीद कर रखा गया है। ताकि गोवंशों को चारे की कोई दिक्कत न हो, लेकिन पेमेंट नहीं होने से भूसा ठेकेदार परेशान किए हुए है।