उत्तर प्रदेश के इटावा। गर्मियों की छुट्टियों के बाद खुले परिषदीय स्कूलों में पहले दिन छात्रों की संख्या कम रही। जो छात्र पहुंचे भी उनमें से कई छात्रों को स्कूल तक पहुंचने के लिए कहीं पगडंडियों से होकर गुजरना पड़ा तो कहीं जलभराव की समस्या से जूझना पड़ा। जिले में लगभग 1484 परिषदीय विद्यालय हैं। सभी में परीक्षाओं के बाद से अवकाश चल रहे थे। सोमवार को लंबे अवकाश के बाद विद्यालय खुले तो बच्चों की संख्या काफी कम रही। अधिकांश विद्यालय तो समय पर खुल गए, उनमें शिक्षक भी पहुंच गए, लेकिन छात्र-छात्रा देरी से पहुंचे। पहला दिन होने की वजह से शिक्षकों ने भी सख्ती कम दिखाई। अधिकांश स्कूलों में एक तिहाई और एक चौथाई ही बच्चे पहुंचे। कई बच्चों को जसवंतनगर, बसरेहर, चकरनगर क्षेत्र में कच्चे, पगडंडी और कीचड़ वाले रास्ते से होकर निकलना पड़ा। शिक्षा विभाग का दावा है कि इस सबंध में पंचायत अधिकारियों को अवगत कराकर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएंगी उच्च प्राथमिक विद्यालय निवाड़ीकला में 52 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें से सिर्फ 13 आए। प्रधानाध्यापक अजय, शिक्षक मजूलिका, राजीव सभी उपस्थित रहे। बसरेहर के विद्यालय कल्यानपुर राहिन प्राथमिक विद्यालय के गेट के बाहर जलभराव होने की वजह से पहले दिन छात्र-छात्रा और शिक्षक परेशान रहे। कीचड़ में ईंटे डालकर उनसे गुजरकर विद्यालय तक पहुंचे। 0जसवंतनगर। ग्राम नगला भगत के उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को स्कूल जाने के लिए ही रास्ता नहीं है। बच्चे पगडंडी से होकर स्कूल पहुंचते है। यह समस्या लगभग एक दशक से ज्यादा पुरानी हो चुकी है। इस बार सोमवार को विद्यालय खुलने के बाद बच्चे इसी रास्ते से पैदल पहुंचे। परिजन स्कूल तक बच्चों को वाहन से छोड़ने तक नहीं जा पते हैं। प्रधानाचार्य सतीश कुमार ने बताया स्कूल का पहला दिन था। इसमें बच्चे बहुत कम आए। पंजीकृत 53 छात्र-छात्राओं में से कुल 16 छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि अव्यवस्था को लेकर ग्राम प्रधान की ओर से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। उपजिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी आदि भी निरीक्षण करने आए और आश्वासन देकर चले गए। अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है।