उत्तर प्रदेश के इटावा मे हार, चुनाव, रैली या फिर मेला या फिर कोई परीक्षा होने पर रोडवेज बसों को लेकर हमेशा से मारा मारी देखने को मिलती रही है। मथुरा में मुड़िया मेला में तीन जुलाई को लगने वाले मुडि़्या मेला के लिए इटावा से 30 बसें भेजे जाने से शाम ढलने से पूर्व बस अड़डे पर खासा सन्नाटा देखने को मिला। इस वजह से यात्रियों को बस अड्डे के बाहर बसों के आने का इंतजार करना पड़ा। यदि बसें कई दिनों के लिए अन्य जनपदों को भेजी जाती हैं तो समस्या बढ़ना लाजिमी है। इस बार इटावा डिपो से 83 में से 25 व सैफई डिपो की 20 में से पांच बसें मुड़िया मेला के लिए भेजी जा चुकीं हैं। ज्यादातर बसें आगरा, कानपुर और मैनपुरी मार्ग पर चलने वाली बसें हैं। लेकिन सबसे ज्यादा बसें इन्हीं मार्गों पर चलतीं हैं। तीन दिन पूर्व सहालग से निपटने के बाद लोग लौटने लगे हैं। ऐसे में उन्हें बसों के अभाव से जूझना पड़ा। शाम ढलने पर जो लोग बस अड्डे पर आए उन्हें एक भी बस न होने पर तिराहा पर खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ा। ऐसी स्थिति में व खराब मौसम की वजह से ज्यादातर यात्री निजी वाहनों से गंतव्य को रवाना हुए। उम्मीद के अनुसार यात्री कम मिल रहे हैं, इसमें बारिश की बड़ी भूमिका रही। पूरे दिन बस अड्डे पर रहे। तिराहा पर बस न खड़ी करने के चालकाें को सख्त निर्देश हैं