उत्तर प्रदेश के इटावा। आगरा-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का अधूरा सर्विस रोड लोगों की जिंदगियां निगल रहा है। दो माह में हुए चार हादसों में छह लोगों की जान जा चुकी है तो वहीं सात लोग घायल हो चुके हैं। 10 साल में सर्विस रोड न बनने से अब इसकी कीमत करीब 15 गुना बढ़कर 54 करोड़ से नौ सौ करोड़ हो गई है। वर्ष 2013 में आगरा-कानपुर नेशनल हाईवे को सिक्सलेन कराया गया था। उस हाईवे तो चौड़ा हो गया, लेकिन मानिकपुर मोड़ से अनंतराम टोल तक कई जगह बीच-बीच में सर्विस रोड नहीं बन सकी थी। अधिकारियों के अनुसार, उस समय किसानों की जमीनों के अधिग्रहण में समस्या की वजह से यह काम अधूरा रह गया था। उस समय इसकी कीमत लगभग 52 करोड़ रुपये थी। समय बीतने के साथ लागत बढ़ती गई और लगभग 10 साल में 15 गुना से अधिक नौ सौ करोड़ कीमत हो गई है। ऐसे में जहां कई जगह जमीन के विवाद को लेकर अधिकारी पहले से ही परेशान थे, वहीं अब बड़ा बजट हो जाने की वजह से और सिरदर्दी बढ़ गई है।
अधिकारियों की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इकदिल से इटावा की ओर आने के लिए हाईवे को विपरीत दिशा से पार करना राहगीरों की मजबूरी है। पार करते वक्त राहगीर और वाहन चालक, दूसरी ओर से तेज गति से आ रहे वाहनों की चपेट में आकर हादसे का शिकार हो जाते हैं। राहगीर राहुल कुमार और पंकज बताते हैं कि पश्चिमी तिराहा से इटावा की तरफ जाने पर विपरीत दिशा का सर्विस रोड अधूरा पड़ा है। गुरुवार को अधूरे सर्विस रोड के कारण हुए हादसे में दो की मौत हो गई थी।
राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित बकेवर और सरायमिठ्ठे के सर्विस रोड भी अधूरे पड़े हैं। इटावा से बकेवर जाने पर सरायमिठ्ठे के पास सर्विस रोड अधूरी होने के साथ-साथ जर्जर भी है यही हालात विपरीत दिशा की भी है। बकेवर कस्बे से इटावा जाने पर रजवाह से 100 मीटर आगे बढ़ने पर एजेंसी के पास से सर्विस रोड चकरोड बन गई है। उधर, महेवा क्षेत्र के उझियानी के दोनों ओर सर्विस रोड अधूरी पड़ी है। इटावा से महेवा जाने पर नगला चंदी से रजपुरा तक एवं महेवा से इटावा जाने पर भट्टा से तालाब के सामने तक सर्विस रोड अधूरी पड़ी है। इन दाेनों मार्गो पर हादसे होते रहे हैं। कल्यानपुर गांव निवासी अनिल कुमार ने बताया कि सर्विस रोड के पूरे न होने से लगातार हादसे हो रहे हैं। प्रशासन लगातार अनदेखी कर रहा है। सर्विस रोड के निर्माण को जल्दी ही पूर्ण करवाना चाहिए। सर्विस रोड के नजदीक दुकान किए बृजेंद्र ने बताया कि वह आए दिन होने वाले हादसों को देखते रहते हैं।
हादसों में राहगीरों की लापरवाही के साथ-साथ सर्विस रोड का भी अहम रोल है। 30 अगस्त को गांव फूफई के रहने वाले बुजुर्ग पंचम सिंह को अज्ञात वाहन ने रौंद दिया था। जिसमें उनकी मौत हो गई थी। अगस्त माह में बिहार जिला सहरसा थाना चिमरी, गांव सरोजा के रहने वाले भलटू पासवान को इटावा की तरफ से आ रही तेज रफ्तार पिकअप ने उनको टक्कर मार दी थी। इसमें उनकी मौत हो गई थी। एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया था। 17 सितंबर को पिलखर नहर पुल के पास ऑटो पकड़ने के लिए हाईवे रोड पार करने के लिए खड़े थे। इटावा की तरफ से बकेवर की ओर जा रही तेज रफ्तार बेकाबू कार ने तीन को रौंद दिया।
विमला घायल हो गई और बेटी रिया, बेटा देव दोनों भाई बहन की दर्दनाक मौत हो गई। गुरुवार को सड़क हादसे में एक बालिका समेत दोे लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एनएचएआई के डीजीएम सत्यवीर सिंह ने बताया कि सर्विस रोड को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जमीन के अधिग्रहण की वजह से समस्या आ रही थी। अब बजट भी बढ़ गया है। जल्द अधूरे पड़े सर्विस रोड को पूरा किया जाएगा।