उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले मे जनपद में एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं खरीद अब तक तेजी नहीं पकड़ सकी है। आलम यह है कि डेढ़ महीने में 8500 क्विंटल गेहूं की खरीद हो सकी है। हालांकि गेहूं खरीद का लक्ष्य बढ़ाने व किसानों को सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से मोबाइल क्रय केंद्र भी बनाए गए हैं। बावजूद इसके गेहूं की खरीद गति नहीं पकड़ पा रही है। ऐसी स्थिति में बिचौलियों की सक्रियता को देखते हुए गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करने के लिए अब ग्राम पंचायतों की सेवाएं ली जाएंगी। उन्हें प्रति क्विंटल गेहूं की खरीद कराने के बदले उन्हें 27 रुपये मिलेंगे। जिला खाद्य विपणन अधिकारी लाल मणि पांडेय ने बताया ग्राम पंचायतों से किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानों का भी सहयोग लेने को कहा है। जिससे प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर वह गेहूं खरीद में सहयोग कर सकें। ग्राम पंचायत में 100 क्विंटल गेहूं होने पर केंद्र प्रभारी व जिला खाद्य विपणन अधिकारी जाकर तत्काल गेहूं की खरीद कराएंगे। जिस ग्राम पंचायत से सबसे ज्यादा गेहूं खरीदने में प्रधान सहयोग करेंगे उन्हें विभाग की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। तीन एजेंसियों ने खरीदे 850 मीट्रिक टन गेहूं जिला खाद्य विपणन अधिकारी लाल मणि पांडेय ने बताया कि जनपद में 63 गेहूं क्रय केंद्र खोले गए हैं। जनपद को 69 हजार गेहूं खरीद का लक्ष्य मिला है। खरीद के लिए चार एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है। खाद्य विभाग की विपणन शाखा ने 16 किसानों से 27.950 मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पीसीएफ ) ने 186 किसानों से 637.606 मीट्रिक टन व उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव यूनियन (यूपीसीयू) ने 32 किसानों से 163.515 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा है। जबकि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के तीन केंद्रों पर गेहूं खरीद अभी तक शून्य है।


































