उत्तर प्रदेश के इटावा बकेवर। दो दिन पहले स्कीम बदलने से छात्र-छात्राओं को परीक्षा की सही जानकारी नहीं हो सकी। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन ने फोन करके छात्र-छात्राओं को बुलाया। इस पर परीक्षा के समय से लगभग आधा और पौन घंटे देरी से छात्रों ने महाविद्यालय पहुंचकर परीक्षा दी। कानपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में स्नातक व परास्नातक की दूसरे व चौथे व सेमेस्टर की परीक्षाएं सोमवार 26 जून से शुरू हो गई थीं। कानपुर विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग की ओर से सेमेस्टर की परीक्षाओं की स्कीम 22 जून को जारी की गई थी। स्कीम के अनुसार, छात्र-छात्राएं अपनी तैयारी कर रहे थे। इस बीच 24 जून को अचानक कुछ कक्षाओं की परीक्षा कार्यक्रम में परिवर्तन कर दिया। हालांकि इस संबंध में परीक्षार्थियों को जानकारी नहीं हो सकी। क्योंकि स्कीम में परिवर्तन 24 जून को शनिवार दोपहर बाद किया गया। 25 जून को रविवार होने से कालेज का साप्ताहिक अवकाश था। सोमवार को सुबह दस बजे की पाली में परीक्षा थी। बदली गई परीक्षा स्कीम में एमएससी बायोटेक्नोलॉजी दूसरे सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं की सोमवार को परीक्षा सुबह दस बजे से कर दी। यह परीक्षा शाम की पाली में तीन बजे से होनी थी। वहीं औधयौगिक रसायन की एमएससी की परीक्षाएं जो 26 जून से शुरू होनी थीं। उनको अब 18 जुलाई से कर दिया। सोमवार को एमएससी बायोटेक्नोलॉकी की का रिसर्च मैथालॉजी का पेपर होना था। जनता कालेज प्रशासन सोमवार को पूर्व परीक्षा स्कीम के अनुसार परीक्षा की तैयारी में जुटा था। परिवर्तित स्कीम की जानकारी को लेकर कोई मेल भी नहीं भेजी गई। जब कालेज प्रशासन को परीक्षा स्कीम में परिवर्तन की जानकारी हुई तो कालेज के प्राध्यापकों ने एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के छात्र-छात्राओं को फोन कर परीक्षा स्कीम में परिवर्तन की जानकारी दी। इस पर छात्र छात्राएं परीक्षा देने दौड़े। गनीमत यह थी सभी छात्र-छात्राएं इटावा शहर व आसपास के गांवों के रहने वाले थे, इसलिए परीक्षा देने थोड़ी देरी से पहुंच गए। कालेज प्राचार्य डॉ. राजेश किशोर त्रिपाठी ने बताया कि विश्वविद्यालय के द्वारा 24 जून को स्कीम में अचानक परिवर्तन कर दिया गया था। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक से फोन पर बात की। छात्र छात्राओं को फोन से जानकारी से बुलाकर परीक्षा कराई गई। छात्र-छात्राओं की परीक्षा छूटने से बच गई। छात्र बोले कॉलेज प्रबंधन की सक्रियता से नहीं छूटा प्रश्नपत्र छात्रा अंकिता ने बताया कि स्कीम अचानक बदलने से उनका पेपर छूटना तय था। जैसे ही कालेज से फोन आया। वह अपने पड़ोस में रहने वाले एक छात्र के साथ ही उसकी बाइक से परीक्षा देने इटावा से बकेवर पहुंची। लेट हो गयी थीं, लेकिन पेपेर दे दिया। नहीं तो सेमेस्टर बैक लग जाती। शहर की रहने वाली छात्रा तान्या ने बताया कि वह पेपेर के लिए दूसरी पाली की तैयारी के हिसाब से घर पर निश्चिंत थीं। इस बीच कॉलेज फोन आया तो परेशान हो गए। आनन-फानन में परिजनों ने कॉलेज तक पहुंचाया। शहर के ही रहने वाले छात्र रोहित ने बताया कि वह दूसरी पाली के लिए इटावा घर से एक बजे निकलने की तैयारी में था। जब कालेज से स्कीम में परिवर्तन की जानकारी 10 बजे हुई तो तेजी से बकेवर के लिए बाइक से निकला। बीस मिनट में बकेवर पहुंचा। पुलिस मामले की जांच कर रही हे