उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले मे प्रदेश भर में सर्वे छापे के नाम पर व्यापारियों के हो रहे उत्पीड़न के विरोध में गुरुवार को उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने वित्त मंत्री को संबोधित सात सूत्री ज्ञापन जीएसटी कार्यालय पर कमिश्नर व्यापार कर ओम प्रकाश चौबे को सौपा। व्यापारियों ने वित्तमंत्री से सर्वे छापे पर रोक लगाने की मांग की है।संगठन के जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित का आरोप है कि 16 मई से 15 जून तक की जाने वाली जांच सर्वे आदि में जीएसटी में छापेमारी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न चरम सीमा पर है। पहले भी सर्वे और छापे की कार्रवाई की जा चुकी है। फिर भी अधिकारी व कर्मचारी व्यापारियों को फोन कर जीएसटी जांच के नाम पर धमका कर वसूली कर रहे हैं। चंद फर्जी फर्मों को रोकने के लिए सभी व्यापारियों के यहां जांच सर्वे में छापेमारी की कार्रवाई करने का कोई औचित्य नहीं है।कहा कि फर्जी बिलिंग, फर्जी आधार कार्ड व अन्य कागजात लगाकर रजिस्ट्रेशन व कारोबार करना विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर संभव नहीं है। फर्म का रजिस्ट्रेशन कराते समय सभी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने होते हैं, जिसकी स्क्रूटनी सॉफ्टवेयर में अधिकारी करते हैं। किसी कागज के स्पष्ट न होने पर आवेदन कर्ता से दोबारा स्पष्टीकरण मांगा जाता है। उन्होंने वित्त मंत्री से सर्वे में छापे की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। इनमें महामंत्री रिषी पोरवाल, कोषाध्यक्ष कामिल कुरैशी, जिला उपाध्यक्ष नितिश पुरवार, ब्रजेंद्र सिंह, हाजी शेख आफताब, अशोक जाटव, वरुण राज, बीके यादव, गुड्डू मंसूरी, संजय वर्मा, अब्दुल अंसारी, राजेश पोरवाल, राजा गुप्ता, अर्चना कुशवाहा आदि व्यापारी नेता शामिल रहे