उत्तर प्रदेश के इटावा मे सैफई। तापमान में हो रहे उतार चढ़ाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। उमस भरी गर्मी की वजह से उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। आलम यह है कि शुक्रवार को सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय की ओपीडी में करीब 2700 मरीज आए। लगभग रोजाना ही इतने मरीज आ रहे हैं।पिछले दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि से तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक चला गया था। उसके बाद फिर एक बार तापमान 42 डिग्री पहुंच गया है। एक दम बढ़ा तापमान लोगों को बीमार कर रहा है। गर्माहट और ठंडक के बीच लोगों को जहां उल्टी, दस्त हो रहे हैं। वहीं बुजुर्ग बुखार की भी चपेट में आ रहा है।यह बुखार तेज न आकर धीरे-धीरे शरीर में उतर रहा है। कई दिनों तक बुखार बसा रहने की वजह से लोग एक सप्ताह में ही बेदम हो जा रहे हैं। रिपोर्ट में भी यह बुखार कहीं नजर नहीं आ रहा है। दवा लेने के बाद यह बुखार सही तो हो रहा है, लेकिन यह शरीर को तोड़ने का काम कर रहा है। इससे खून की शरीरी में कमी हो रही है।पानी पीने के बाद ही घर से बाहर निकलें मेडिसन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर सुशील कुमार यादव ने बताया कि दिन में तपिश और गर्म हवाओं से शरीर में पानी की कमी होने से डीहाइड्रेशन हो जाता है। ऐसी स्थिति में उल्टी, दस्त होने लगते हैं। पानी की कमी कभी- कभी जान पर बन आती है। इन सबसे बचने के लिए पानी पीने के बाद ही घर से बाहर निकलें। साथ ही खरबूजा, तरबूजा, खीरा का सेवन करना चाहिए। बासी भोजन करने से बचें। इस समय मौसम के बदलाव से बुखार बस सा जा रहा है, जो काफी नुकसानदाय है। एक गर्मी से आकर ऐसी और कूलर में बैठने से बचें। करीब तीन हजार मरीज आ रहे प्रतिदिन चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर एसपी सिंह ने बताया कि भर्ती मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। वार्डों में मरीजों की देखभाल के लिए डॉक्टरों की टीम लगाई गई है। प्रयास रहता है कि सभी का बेहतर इलाज हो। ओपीडी में भी चिकित्सक मरीजों को देख रहे हैं। इस समय करीब 900 मरीज भर्ती हैं, जिनकी बराबर देखरेख की जा रही है। इमरजेंसी और ओपीडी में मिलाकर रोजाना लगभग 3000 मरीज आ रहे हैं। जबकि रोजाना करीब 10,000 मरीजों की जांच हो रही है, इनमें सबसे ज्यादा बुखार के मरीज होते हैं।