उत्तर प्रदेश के इटावा। सरकार के धान पर एक्साइज डयूटी बढ़ाए जाने से धान खरीद के गिर रहे दामों से सोमवार को किसानों का आक्रोश फूट पड़ा। दोपहर करीब 12 बजे किसानों ने मंडी रोड को घेरकर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ ही देर में किसान ग्वालियर-बरेली हाईवे पर सड़क जाम करके बैठ गए। सूचना पर पहुंचे एसडीएम, सीओ ने मंडी सचिव के साथ आढ़तियों और किसान नेताओं से वार्ता कर मंडी में सोमवार को धान के दाम बढ़वाकर शांत कराया। इस बीच करीब तीन घंटे हाईवे पर जाम लगा रहा संख्या मेें किसान धान लेकर मंडी पहुंचे थे, लेकिन धान की कीमतों में अचानक से गिरावट होने पर किसान आक्रोशित हो गए। बड़ी संख्या में किसानों ने बरेली हाईवे स्थित मंडी गेट पर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद किसानों ने अचानक मार्ग जाम कर दिया इससे यातायात बाधित हो गया।
इससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। जाम की सूचना पर एसडीएम सदर विक्रम राघव, सीओ सिटी अमित कुमार पहुंच गए। उन्होंने मंडी सचिव के कार्यालय में सचिव अनिल कुमार, आढ़तिया और किसान नेताओं के साथ चर्चा करके समाधान कराया। इस बीच दोनों ओर वाहनाें की कतार लग गई। तब यातायात पुलिस ने इटावा की ओर से जाने वाले वाहनों को आईटीआई चौराहे की ओर डायवर्ट कर दिया। वहीं, फर्रुखाबाद की ओर आने वाले वाहनों को जुगरामऊ चौराहे से कुनैरा की ओर डायवर्ट किया गया। इस बीच सैकड़ों वाहन फंस गए। बड़ी संख्या में सवारी वाहन और स्कूली वाहन फंस गए। किसान कमलेश कुमार और रामसिंह ने बताया कि शनिवार को मंडी में धान की कीमत 2900 से 3100 रुपये प्रति क्विंटल थी पर सोमवार को धान की कीमतें अचानक घटा दी गईं। इससे किसान आक्रोशित हो गए। आढ़तिया सतीश कुमार और अनंत अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने एक्साइज डयूटी बढ़ाए जाने से कीमतों में अचानक से गिरावट हो गई। हालांकि अधिकारियों और किसानों के बीच बातचीत हो गई है। 1509 धान की कीमत 2675 रुपये और ताज धान की कीमत 2200 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से सोमवार को धान खरीदा गया। सैफई क्षेत्र के किसान जगतराम ने बताया कि वह 40 क्विंटल धान लेकर सुबह ही मंडी आ गए थे, लेकिन धान की कीमतों में कमी से मायूस हो गए। बताया कि किसान पहले से ही परेशान हैं। अब कीमतें भी सही नहीं मिल रहीं। चौबिया के किसान अरविंद यादव का कहना है कि सरकार किसानों को नुकसान के सिवाय कुछ नहीं दे रही है। हर वस्तु की कीमतें बढ़ रही हैं।
महंगाई चरम पर है पर किसानों की फसलें हमेशा से कम दामों में खरीदी जा रही है। सांडोरा निवासी नीरज सिंह ने बताया कि वह अपने परिवार सहित रोडवेज बस से इटावा आ रहे थे। मंडी के सामने जाम लगने से दो घंटे से बस में ही बैठना पड़ा। अकेले होते तो पैदल ही निकल जाते, लेकिन परिवार साथ में होने के कारण जाम खुलने का इंतजार कर रहे हैं। कुसमरा के धीरज ने बताया कि उनके ससुर इटावा के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हीं को देखने के लिए वह रोडवेज बस से आए थे, लेकिन ग्वालियर-बरेली हाईवे जाम लगा होने के कारण अब मजबूरीवश पैदल जा रहे हैं। अस्पताल में समय से पहुंचना है। आईटीआई के छात्र अभिषेक ने बताया कि वह सरसईनावर के सरैया गांव के निवासी हैं। सुबह जब आए थे। तब कोई जाम नहीं था, लेकिन वापस जाते समय वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं। गांव की ओर कोई वाहन ही नहीं जा रहा है। ऐसे में अब एक बाइक सवार मित्र को बुलाकर उसी के साथ निकल जाएंगे।