उत्तर प्रदेश के एटा। पहले से ही पर्यावरण का मिजाज अच्छा नहीं था। दिवाली पर पटाखे चले तो हवा दमघोंटू हो गई। रात के समय लोगों का सांस लेना मुश्किल रहा। अगले दिन सोमवार तक हालात नहीं सुधरे। वायु गुणवत्ता सूचकांक अधिकतम 238 तक रहा। धुंध की वजह से धूप भी बेहद हल्की निकली। पखवाड़े भर से वायु प्रदूषण हावी है। पहले जहां पराली जलाए जाने की वजह से स्थिति खराब थी, वहीं दिवाली ने इस समस्या को विकराल रूप दे दिया।
रविवार की शाम से पटाखे चलना शुरू हुए, जो देर रात तक चलते रहे। इनसे निकले धुंए ने प्रदूषण काफी बढ़ा दिया। एक्यूआई बढ़कर 300 पार पहुंच गया। हालात यह थे कि खुले में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया। घरों के खिड़की-दरवाजे बंद करके बैठना पड़ा। इस बीच सांस के रोगियों को अधिक परेशानी उठानी पड़ी। पटाखों से इतना ज्यादा प्रदूषण हुआ कि हालात सोमवार को भी नहीं संभल सके।
वायु गुणवत्ता सूचकांक कुछ नीचे तो आया। फिर भी 238 का आंकड़ा छू गया, जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके कारण लोगों को इस खराब हवा में भी सांस लेकर अच्छा महसूस नहीं हुआ। वायु प्रदूषण का असर मौसम पर भी साफ नजर आया। धुंध की परत के चलते सूर्यदेव की चमक फीकी रही। धूप काफी हल्की निकली। जिससे तापमान में भी कमी आई।